JNU में बाबरी मस्जिद पर नारेबाजी मामले पर Shivraj Singh के मंत्री ने कहा 'मरे बंदर के लिए बंदरिया रो रही'
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JNU में बाबरी मस्जिद पर नारेबाजी मामले पर Shivraj Singh के मंत्री ने कहा 'मरे बंदर के लिए बंदरिया रो रही'

6 दिसंबर को जेएनयू (JNU) में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के समर्थन में नारे लगाए गए  थे. मामला गर्माता जा रहा है. इसी को लेकर एमपी बीजेपी (MP BJP) के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे पीएम मोदी (PM Modi) के खिलाफ साजिश बताया.

'ये वैसा ही है जैसे 10 साल पहले मरे बंदर के लिए बंदरिया बाद में रोए'-पवैया

भोपाल: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) उस समय से एक बार फिर चर्चा में है, जब वहां बाबरी मस्जिद को लेकर नारे लगाए गए और यहां 6 दिसंबर की रात जेएनयू (JNU) में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के समर्थन में नारे लगाए गए. मामला गर्माता जा रहा है. इसी को लेकर एमपी बीजेपी (MP BJP) के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश केबिनेट में मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya) ने जेएनयू में लगे नारों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और बाबरी मस्जिद विध्वंस की तुलना बंदर से की.

मध्यप्रदेश केबिनेट में मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया ने बाबरी मस्जिद को लेकर जेएनयू में लगे नारों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस वामपंथी विचारधारा का ये प्रयास है, वो इतिहास के कूड़ेदान में फेंकी जा रही है. इतना ही नहीं पवैया ने यह भी कहा कि ये प्रयास बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि यह गतिविधियां पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ युद्ध छेडऩे से संबंधित हैं. पवैया यहीं नहीं रुके बल्कि और बाबरी मस्जिद निर्माण से जुड़े सवाल पर बोलते हुए कह गए कि ये कुछ वैसा ही है जैसे 10 साल पहले मरे हुए बंदर के लिए बंदरिया बाद में रोती है.

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आक्रामक अंदाज में नजर आए पवैया ने कहा कि ये मोदी युग है और इसमें जहरीले सांप फन नहीं उठा पाएंगे. अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए पहचाने जाने वाले जयभान सिंह पवैया के निशाने पर इस बार कांग्रेस के साथ वामपंथी भी नजर आए. जयभान सिंह पवैया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दूसरी पार्टियों की तरह नहीं है, जिसके दो फाड़ किए जा सकें.  पवैया गुना में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित तीन दिनी प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करने पहुंचे थे. 

जेएनयू में 6 दिसंबर की रात बाबरी मस्जिद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया था और मस्जिद के समर्थन में नारे लगाए गए थे. इस दौरान इसे दोबारा बनाने की मांग भी उठाई गई, जिसके बाद से मामला गर्माता जा रहा है. जेएनयूएसयू ने 6 दिसंबर को एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला था, जिसमें 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में तोड़ी गई बाबरी मस्जिद के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुआ. इस दौरान JNU छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून और मौजूद लेफ्ट संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग उठाई और 'फिर बनाओ, फिर बनाओ बाबरी' नारे लगाए.

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