सिंधिया राजपरिवार ((Jyotiraditya Scindia)) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के राघोगढ़ राजपरिवार के बीच सालों से वर्चस्व की लड़ाई रही है.
Trending Photos
भोपालः केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद सिंधिया आज पहली बार गुना (Guna) और राघोगढ़ (Raghogarh) के दौरे पर आ रहे हैं. गुना और राघोगढ़ में सिंधिया दो बड़े कार्यक्रमों में शामिल होंगे. सिंधिया के इस दौरे से दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को तगड़ा झटका लग सकता है, दरअसल ऐसी चर्चाएं हैं कि दिग्विजय सिंह के करीबी नेता हीरेंद्र सिंह (Hirendra Singh) आज सिंधिया की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
राघोगढ़ में पहली बार भरेंगे हुंकार
खास बात ये है कि दिग्विजय सिंह राघोगढ़ रियासत के राजा है और इस इलाके में उनका दबदबा जगजाहिर है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पहली बार राघोगढ़ में किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. 2018 में सिंधिया राघोगढ़ आए थे लेकिन उस समय वह जयवर्धन सिंह (Jaivardhan Singh) से मिलकर ही चले गए थे. दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, भाजपा नेता और सिंधिया के करीबी रुद्रदेव सिंह ने हीरेंद्र सिंह के भाजपा (BJP) में शामिल होने का दावा किया है. इससे पहले सिंधिया आज दिल्ली से पहले भोपाल पहुंचे और वहां से गुना, राघोगढ़ के दौरे के लिए निकल गए हैं.
दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के लिए क्यों है झटका?
हीरेंद्र सिंह के पिता मूल सिंह दिग्विजय सिंह के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं. यही वजह है कि हीरेंद्र सिंह भी दिग्विजय परिवार के खास हैं. मूल सिंह दो बार राघोगढ़ से विधायक रहे हैं लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने राघोगढ़ से चुनाव लड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, माना गया कि उसके बाद से ही हीरेंद्र सिंह और दिग्विजय परिवार के बीच दूरियां बढ़नी शुरू हो गईं थी. हीरेंद्र सिंह अगर भाजपा में शामिल होते हैं तो यह दिग्विजय सिंह के साथ ही कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
पुरानी है दोनों राजपरिवारों के बीच वर्चस्व की लड़ाई (Scindia v/s Digvijay Singh)
उल्लेखनीय है कि अब भले ही सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और दिग्विजय सिंह कांग्रेस से जुड़े हुए हैं लेकिन जब सिंधिया भी कांग्रेस में थे, तब भी इन दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई चर्चा में रहती थी. सिंधिया राजपरिवार और दिग्विजय सिंह के राघोगढ़ राजपरिवार के बीच सालों से वर्चस्व की लड़ाई रही है. यही वजह है कि सिंधिया के राघोगढ़ कार्यक्रम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
बेटे को बचाने के लिए 'यमराज' से भिड़ गई ममता! खुद जिंदगी और मौत से जूझ रही
गुना में आदिवासियों को देंगे तोहफा
सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) आज गुना के पीजी कॉलेज खेल ग्राउंड पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार वह गुना की जनता से सार्वजनिक तौर पर मिलेंगे. इस दौरान वह सहरिया जनजाति के लोगों को 500 प्रधानमंत्री आवास का तोहफा भी देंगे. इसके अलावा भी कई विकास कार्यों का वह शिलान्यास करेंगे.