कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सांसद केपी यादव के बीच हुए लेटर विवाद पर सवाल किया तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी.
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भोपालः बीजेपी सांसद केपी यादव के लेटर से मध्य प्रदेश में सियासत जारी है. केपी यादव ने पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया सर्मथक मंत्रियों पर बड़ा आरोप लगाया है. जिसके बाद से सिंधिया समर्थक नेताओं ने भी केपी यादव पर निशाना साधा है. वहीं बीजेपी के दो नेताओं के बीच चल रहे हैं इस विवाद पर अब पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बड़ा बयान दिया है.
कई लोगों ने पत्र लिखे होंगे
दरअसल, जब कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सांसद केपी यादव के बीच जारी विवाद पर सवाल किया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि ''अगर वो (केपी यादव) दुखी हैं तो फिर कईयों ने पत्र लिखे होंगे. हालांकि अभी तो एक पत्र ही सामने आया है. लेकिन ये बीजेपी का आपसी मामला है, इसे उन्हें आपस में ही यह मामला सुलझाना चाहिए.''
कमलनाथ ने दी थी केपी यादव को बधाई
दरअसल, भले ही कमलनाथ ने इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहा हो, लेकिन कमलनाथ और केपी यादव उस वक्त भी सुर्खियों में आए थे. जब केपी यादव के जन्मदिन पर कमलनाथ ने उन्हें बधाई थी. तब भी प्रदेश में सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था. क्योंकि कमलनाथ की बधाई पर केपी यादव ने भी धन्यवाद दिया था.
क्या है सिंधिया और केपी यादव के बीच विवाद
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर गुना से बीजेपी सांसद बने केपी यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल, केपी यादव ने बीते दिसंबर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर सिंधिया समर्थकों पर उनकी और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया गया है. उन्होंने लिखा कि मेरे लोकसभा क्षेत्र में सिंधिया समर्थक मंत्रियों और नेताओं द्वारा आयोजित किए जाने वाले सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाता है. सांसद ने ये भी आरोप लगाया कि किसी कार्य के उद्घाटन या लोकार्पण कार्यक्रम की शिलापट्टिका पर प्रोटोकॉल के तहत उचित स्थान भी नहीं दिया जाता है. भाजपा सांसद ने पत्र में लिखा कि यदि इस विकट समस्या का समाधान नहीं किया गया तो पार्टी से निष्ठा ख़त्म होकर व्यक्तिनिष्ठा बढ़ जाएगी. जिसकी भरपाई में दशकों लग जाएंगे! भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनके समर्थकों को सिंधिया समर्थकों द्वारा दरकिनार किया जा रहा है.
सिंधिया को हराने के बाद ही मिली थी केपी यादव को पहचान
गौरतलब है कि यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव में सिंधिया को हराया था. मध्य प्रदेश के चंबल रीजन में पड़ने वाली गुना संसदीय सीट पर वोटिंग के छठे चरण (12 मई 2019) में वोट डाले गये थे और चुनावी नतीजों के अनुसार केपी यादव ने एक लाख 25 हजार 549 वोटों से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर यह सीट अपने नाम कर ली थी. इस सीट पर सिंधिया राजघराने की तीन पीढ़ियों का कब्जा रहा और यह परिवार कोई चुनाव नहीं हारा था. लेकिन केपी यादव ने इतिहास बदल दिया.
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