kasrawad Vidhan Sabha Congress Vs BJP Condidate: खरगोन जिले की कसरावद विधानसभा सीट पर अगले महीने होने वाले चुनाव (MP Chunav 2023) के लिए BJP और कांग्रेस दोनों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. आइए जानते हैं इस सीट पर उतारे गए उम्मीदवार आत्माराम पटेल और सचिन यादव के बारे में-
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kasrawad Congress Vs BJP: आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) के लिए BJP के बाद कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. खरगोन जिले की कसरावद विधानसभा सीट पर BJP ने पूर्व विधायक आत्मराम पटेल को एक बार फिर मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने वर्तमान विधायक सचिन यादव पर ही एक बार फिर भरोसा जताया है. आइए जानते हैं इस सीट के प्रत्याशियों और इस विधानसभा सीट के बारे में-
कसरावद विधानसभा सीट
खरगोन जिले की काफी अहम और हमेशा चर्चाओं में रहने वाली कसरावद सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. यहां वर्तमान में भी कांग्रेस से सचिन यादव विधायक हैं. दो बार से विधायक सचिन यादव के पिता सुभाष यादव भी इस सीट पर कई बार विधायक रहे हैं. हालांकि, साल 2008 में BJP प्रतयाशी आत्माराम पटेल ने सुभाष यादव को हरा दिया था.
आत्माराम पटेल vs सचिन यादव
BJP प्रत्याशी आत्माराम पटेल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है और उनका मुख्य रुप से व्यवसाय कृषि है. पिछले बार हुए चुनाव यानी 2018 में आत्माराम पटेल ने कांग्रेस प्रत्याशी सचिन यादव को कड़ी टक्कर दी थी. दोनों का बीच कांटे का मुकाबला हुआ, लेकिन सचिन यादव ने 5,539 वोटों से जीत दर्ज की. मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव दो बार से इस सीट पर विधायक हैं. वे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे हैं. सचिन ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 86070 वोट हासिल किए थे, जबकि आत्माराम पटेल के खाते में 80531 वोट आए थे. आत्मराम ने साल 2008 के चुनाव में सुभाष यादव को हराकर जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2013 और 2018 में सचिन ने जीत दर्ज की.
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वोटर्स
साल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक राघौगढ़ में कुल 2,07,825 वोटर्स हैं
जातिगत समीकरण
कसरावद विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां यादव समाज निर्णायक स्थिति में है. इसके अलावा पाटीदार, राजपूत और पटेल समुदाय की भी अच्छी-खासी संख्या है.
साल 2018 के चुनाव में दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. इस बार भी दोनों प्रत्याशियों पर दांव चलते हुए पार्टी ने इन्हें मैदान में उतार दिया है. ऐसे में अब देखना रोमांचक होगा कि क्या BJP इस बार कांग्रेस के गढ़ पर फतह पा सकती है या फिर एक बार फिर जनता कांग्रेस पर ही अपना भरोसा जताएगी.