15 जून को इंदौर में हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में नया मोड़ आ गया है. अब कार्यकर्ताओं ने पुलिस को ज्ञापन सौंपकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राणघातक हमला करने को लेकर जांच की मांग की है.
Trending Photos
MP News/शिवशर्मा: इंदौर में बजरंग दल पर हुए लाठीचार्ज कांड के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों शनिवार देर शाम पलासिया थाने पहुंचकर ज्ञापन दिया. यहां बजरंग दल की ओर से मांग की गई कि जिन पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने उन पर प्राणघातक हमला किया गया है. उन पर कार्रवाई की जाए. दरअसल, इंदौर में 15 जून की रात धरना प्रदर्शन करने पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों पर लाठीचार्ज के बाद पूरे मध्यप्रदेश में राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है.
लाठीचार्ज करने की जिम्मेदारी डीसीपी धर्मेंद्र भदोरिया और थाना प्रभारी संजय सिंह बेस पर सौंप दी गई है. साथ ही भोपाल के एडीजी स्तर के अधिकारी द्वारा मामले की जांच करवाई जा रही है, लेकिन इससे असंतुष्ट बजरंग दल के पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण उर्फ तनु शर्मा द्वारा एक ज्ञापन पलासिया थाना पुलिस को शनिवार देर शाम सौंपा गया. मांग की गई कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, जिसमें तुकोगंज संयोगितागंज पलासिया ग्वालटोली और एमजी रोड थाने के पुलिसकर्मी शामिल हैं.
बेरहमी से की गई थी पिटाई
15 जून की रात इंदौर में पुलिस को ज्ञापन सौंपने पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठिंयां बरसाईं थीं. बताया जा रहा है कि बजरंग दल के कार्यकर्ता शहर में बढ़ती नशाखोरी के खिलाफ ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई की. उन्हें लेटा-लेटाकर पीटा गया. घटना में कई पुलिस वाले भी घायल हुए. साथ ही पुलिस का कहना है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के चक्काजाम से लोगों को परेशानी हो रही थी.
गृह मंत्री ने दिए जांच के आदेश
घटना के बाद राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक्शन लेते हुए घटना की जांच के आदेश दिए इसमें वैधानिक कार्रवाई की गई थी, जो पुलिस ने उनके साथ किया है, उसको संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार ने तय किया है कि इसमें एडीजी स्तर का अधिकारी वहां जाकर सभी पहलुओं की जांच करेगा. मामले में टीआई, थानेदार को तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया है. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि नशे का अवैध कारोबार करने वालों की शिकायत करने के बाद झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं.