MP Farmer News: मई महीने में हो रही बारिश की वजह से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. 2000 क्विंटल में बिकने वाले मक्का को 16 से 17 सौ में बेचने को मजबूर हो गए हैं किसान.
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वीरेंद्र वासिंदे/बड़वानी: बेमौसम बारिश (Unseasonal Rains) का असर अब खेती-किसानी (Farming) पर भी पड़ने लगा है. इस बारिश की वजह से सबसे ज्यादा कोई परेशान है तो वो हैं किसान. इस बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. इसका असर मंडी और बाजार में नजर आ रहा है. किसान खेतों में फसल लगाते हैं ये सोच कर की इस बार उन्हें ज्यादा लाभ होगा. लेकिन इन दिनों ज्यादातर किसान कर्ज में डूब रहे हैं. आज की बात करें तो किसान परेशान है क्योंकि उसे न मक्का का भाव मिल रहा है न प्याज का.
मक्का और प्याज का भाव नहीं मिलने से परेशान किसान
मक्का की बात करें तो बाजार मूल्य दो हजार रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए. लेकिन भाव 16 सौ से 17 सौ मिल रहा है. वहीं प्याज की बात करें तो किसान इंदौर मंडी का रुख करता है. लेकिन वहां भी भाव तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल बेचकर आता है. भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष मंसाराम पंचोले का कहना है कि, सरकार को आगे आना चाहिए भावान्तर योजना का लाभ देना चाहिए.
इन फसलों को हो रहा भारी नुकसान
मई महीने में बरसात होने से प्याज सहित तेलहन और दलहन फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. इन फसलों में किसानों को एक भी फायदा नहीं हो रहा है.नबेमौसम बारिश से साग-सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है. बारिश का असर दलहनी फसलों पर सबसे ज्यादा देखने को मिला है. मक्का, उर्द, मूंग, चना, मटर, मूंगफली की पैदावार की स्थिति भी खराब हो सकती है. मई महीने में हो रही बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को नुकसान हुआ है, जिन्होंने अभी तक गेहूं का फसल नहीं काटा है. गेहूं की फसल की वजह से किसान बर्बाद होने की कगार पर आ गए हैं.
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गर्मी में क्यो हो रही बारिश?
रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी के समय पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय नहीं होते हैं. इसलिए गर्मी में बारिश नहीं होती है. लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. इसी के चलते बेमौसम बारिश हो रही है.