मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सब्जी बेचने वाले की बेटी वर्षा ने 12 वीं की परीक्षा में प्रदेश टॉप लिस्ट से कुछ ही अंक पीछे छूट गई. वर्षा पढ़ाई के साथ परिवार वालों के साथ सब्जी की दुकान में भी हाथ बटाती है.
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छिंदवाड़ाः कहते हैं कि अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो आप अपने लक्ष्य को कर दिखा सकते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया मध्य प्रदेश के छिदवाड़ा जिले के एक गरीब परिवार की बेटी वर्षा ने जो मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की टॉप सूची में आने से कुछ ही अंक पीछे छूट गई. छिदवाड़ा की इस बेटी की कहानी संघर्ष भरी और प्रेरणादायक है.
बता दें कि गरीब परिवार में जन्मी वर्षा स्कूल से छुट्टीयों के बाद परिवार के साथ फुटपाथ पर सब्जी की दुकान में हाथ बटाटी है, इसके बाद भी वर्षा के मेहनत ने रंग लाई और वो सफलता से मात्र कुछ ही अंक पीछे छूट गई.
दरअसल छिंदवाड़ा शहर की श्रीवास्तव कॉलोनी की छोटी सी गली में रहने वाली वर्षा साहू मां मुन्नी के साथ फुटपाथ पर बैठकर सब्जियां बेचती है और परिवार की जीविका चलाने में उनका हाथ बंटाती है. काम के साथ पढ़ाई करना उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. परिवार आर्थिक संकट से गुजरता है, जिसके चलते छात्रा के स्कूल की करीब 2 वर्ष की फीस भी नहीं जमा हुई थी.
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सब्जी के दुकान पर भी करती है पढ़ाई
शहर के विद्या निकेतन स्कूल में पढऩे वाली वर्षा ने कक्षा 12 वीं में 92 प्रतिशत अंक हासिल कर स्कूल में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है. वर्षा के सामने चुनौतियों के पहाड़ थे, लेकिन उसने हार नहीं मानी. वर्षा की बड़ी बहन को ट्यूमर था, इलाज के बाद भी उसकी मौत हो गई. उसके एक बच्चे की जिम्मेदारी भी वर्षा के परिवार पर ही है. 18 घंटे में से 10 से 12घंटे की अलग-अलग पाली में पढ़ाई करती थी. कभी टाइम नहीं होने पर वर्षा ने अपनी सब्जी की दुकान में बैठकर भी पढ़ाई जारी रखी लेकिन लक्ष्य से नही भटकी.
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