MP Assembly Election 2023: चुनाव की घोषणाओं की साथ ही नेता जी अब चुनावी मैदान में जनता के बीच उतर गए हैं. लेकिन इस बार का चुनाव नेताओं पर कई पाबंदी भी लेकर आया है. आईये जानते हैं... इन पर किस तरह की पाबंदी आयोग ने लगाई है.
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MP Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव ऐलान के बाद आचार संहिता (Code of conduct) लागू कर दी है. मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान है और इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग (election Commission) ने चुनाव में होने वाले खर्च की लिमिट भी तय कर दी है. इसके साथ ही चुनाव के दौरान किए गए खर्च के पाई-पाई का हिसाब भी देना होगा. आइये जानते हैं कि चुनाव आयोग ने नेताओं के लिए क्या पाबंदिया लगाई हैं...
विधानसभा चुनाव में खर्च की लिमिट तय कर दी
बता दें कि चुनाव आयोग ने विधायकी के लिए मैदान में उतरने वाले नेताओं के लिए खर्च की लिमिट तय कर दी है. चुनाव आयोग के मुताबिक कोई भी नेता जो चुनाव में प्रत्याशी के रुप में उतर रहा है, वो 40 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने खाने-पीने, टेंट, लोगों को बांटे जाने वाली मिठाई, ग्राफिक्स, अन्य इलेक्ट्रानिक सामान के रेट भी तय कर दिए है. यानी अब चुनाव में प्रत्याशियों को आयोग को पाई-पाई का हिसाब देना होगा.
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क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी
इसके अलावा चुनाव आयोग ने ये भी बताया कि निर्वाचन के लिए प्रत्य़ाशी अधिकतम 4 फॉर्म को भर सकते हैं. इस दौरान नामांकन भरते टाइम 10 हजार रुपये की फीस देनी होगी, वहीं एसटी और एसटी वर्ग के प्रत्याशियों को 5 हजार रुपये देना होगा.
- चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव प्रत्याशियों को ये भी कहा है कि वो अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी भी दें. क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार के चयन का आधार बताते हुए राजनीतिक दलों को समाचार पत्र और टीवी चैनल के माध्यम से 3 बार ये जानकारी लोगों तक पहुंचानी होगी. वहीं चुनाव आयोग ने बताया कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक रहेगी.
सोशल मीडिया पर रहेगी नजर
गौरतलब है कि पार्टियां और प्रत्याशी इन दिनों सोशल मीडिया पर अपना प्रचार करने लगे हैं. यही कारण है कि आयोग ने इस पर भी सख्ती काफी बढ़ा दी है. अब सोशल मीडिया के लिए नए रुल्स बनाए गए हैं. जब भी कोई सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रचार करेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि इसके लिए अलग टीम का गठन किया गया है.
नेताओं पर लगी ये पाबंदी
- मतदाताओं को प्रलोभन देना
- मतदाताओं को धमकाना
- कोई भी पार्टी और प्रत्याशी आचार संहिता के बाद स्कीम की घोषणा नहीं करेगा
कहां कब है वोटिंग
बता दें सोमवार को चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉफ्रेंस कर 5 राज्यों में चुनावों का ऐलान किया था. इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलांगना और मिजोरम शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग 7 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को होगी. वहीं, मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर, मिजोरम में 7 नवंबर और तेलांगना में 30 नवंबर को वोटिंग होगी.