MP Election: महाकौशल की इस सीट पर 30 साल से एक ही परिवार का कब्जा! समझें राजनीतिक समीकरण
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MP Election: महाकौशल की इस सीट पर 30 साल से एक ही परिवार का कब्जा! समझें राजनीतिक समीकरण

Jabalpur Cantt Assembly Seat: महाकौशल की जबलपुर कैंट में भाजपा ने 1993 से लगातार जीत हासिल की है. बीजेपी के कद्वावर नेता दिवंगत ईश्वर दास रोहाणी यहां से कई बार चुनाव जीते हैं.  वहीं, वर्तमान में उनके बेटे अशोक रोहाणी विधायक हैं.

Jabalpur Cantt Assembly Seat Analysis

Jabalpur Cantt Assembly Seat Analysis: मध्य प्रदेश की सियासत इन दिनों गर्म है. कारण है कि कुछ ही दिनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. BJP हो या कांग्रेस महाकौशल सबको फतह हासिल करना है क्योंकि पिछली बार महाकौशल ने सरकार बनाई और गिराई थी. कांग्रेस को महाकौशल में बढ़त मिली तो जिससे उसकी कई सालों बाद सरकार बनी , वहीं, भाजपा की महाकौशल में सीटें कम हुईं तो वह सत्ता से बाहर हुई. महाकौशल जबलपुर की कैंट सीट की बात करें तो यह भाजपा का गढ़ है और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे ईश्वरदास रोहाणी इसी सीट से चुनाव लड़ते थे और वर्तमान में उनके बेटे विधायक हैं तो चलिए समझते हैं इस सीट का सियासी गणित...

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भाजपा का गढ़
जबलपुर कैंट कई दशकों से भाजपा का गढ़ रहा है. पार्टी ने 1993 से लगातार इस सीट पर जीत हासिल की है. बता दें कि बीजेपी के कद्दावर नेता ईश्वरदास रोहाणी का इस विधानसभा सीट पर खासा प्रभाव था. वो कई बार जबलपुर कैंट से विधायक चुने गए. साथ ही वो 2003 से 2013 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष थे. 

वर्तमान विधायक अशोक रोहाणी 
बता दें कि 2013 में चुनाव से कुछ ही दिन पहले ईश्वरदास रोहाणी का निधन हो जाता है. जिसके बाद पार्टी उनके बेटे अशोक रोहाणी को यहां से मैदान में उतारती है. जहां अपने पिता की तरह अशोक रोहाणी की जीत होती है. बता दें कि अशोक रोहाणी जबलपुर कैंट से लगातार 2 बार चुनाव जीत चुके हैं. खास बात ये है कि इस विधानसभा सीट पर रोहाणी परिवार का लंबे समय से दबदबा बना हुआ है.

कांग्रेस का संघर्ष
कांग्रेस पार्टी को 1993 से जबलपुर कैंट में लगातार चुनावी हार का सामना करना पड़ा है. पिछले कुछ चुनावों की बात करें तो आलोक मिश्रा जो को  2008 और 2018 के चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे, जीत हासिल करने में असमर्थ रहे. वहीं, 2013 में इस सीट पर बीजेपी और रोहणी परिवार के दबदबे के चलते कांग्रेस के सर्वेश्वर श्रीवास्तव  को हार का सामना करना पड़ा था.

कैंट विधानसभा क्षेत्र के मतदाता
कैंट विधानसभा क्षेत्र में 91,191 पुरुष मतदाता और 87,900 महिला मतदाता हैं,  7 अन्य के साथ, कुल मिलाकर 179,098 मतदाता हैं जो कैंट विधानसभा सीट पर वोट करते हैं.

जातीय समीकरण
कैंट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अपनी विविध आबादी के लिए जाना जाता है, यहां पर देश भर की विभिन्न जातियों और धर्म के लोग हैं. ऐतिहासिक ब्रिटिश-निर्मित चर्चों की उपस्थिति ने विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को आकर्षित किया है, जिनमें एंग्लो-इंडियन ईसाई, तमिल, तेलुगु, बंगाली, पंजाबी, सिंधी, बिहारी और उत्तर प्रदेश के लोग शामिल हैं. जबकि मुस्लिम यहां की आबादी का केवल 4% हैं, अनुसूचित जाति लगभग 13% है, और अनुसूचित जनजाति की संख्या लगभग 6% है.

पिछले 3 चुनाव के नतीजे

विधानसभा चुनाव परिणाम (2018)
विजेता-अशोक रोहाणी (भाजपा), ( वोट मिले-71,898)
मुख्य-प्रतिद्वंद्वी- पं.आलोक मिश्रा (कांग्रेस),  (वोट मिले-45,313) 

विधानसभा चुनाव परिणाम (2013)
विजेता-अशोक रोहाणी (भाजपा),  (वोट मिले-83,676) 
मुख्य-प्रतिद्वंद्वी-सर्वेश्वर श्रीवास्तव (कांग्रेस),  (वोट मिले-29,935) 

विधानसभा चुनाव परिणाम (2008)
विजेता-ईश्वरदास रोहाणी (बीजेपी), (वोट मिले-57,200)
मुख्य-प्रतिद्वंद्वी-आलोक मिश्रा (कांग्रेस), (वोट मिले-32,469)

इस सीट के विधायकों की सूची 
1967: मनमोहनदास, कांग्रेस
1972: मनमोहनदास, कांग्रेस
1977: दिनेश चंद मिश्रा, कांग्रेस
1980: दिनेश चंद मिश्रा, कांग्रेस
1985: चंद्र मोहन, कांग्रेस
1990: चंद्र मोहन, कांग्रेस
1993: ईश्वरदास रोहाणी, BJP
1998: ईश्वरदास रोहाणी, BJP
2003: ईश्वरदास रोहाणी, BJP
2008: ईश्वरदास रोहाणी, BJP
2013: अशोक रोहाणी, BJP
2018: अशोक रोहाणी, BJP

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