MP Assembly Election 2023: नवंबर में 5 राज्यों में चुनाव होने हैं. इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना शामिल हैं. चुनाव आयोग (Election Commission) आज मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन करेगा. साथ ही कहा जा रहा है कि एक दो दिनों में चुनाव की तारीखों का एलान भी कर देगा.
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MP Chhattisgarh Assembly Election 2023 Dates: मध्य प्रदेश सहित 5 राज्यों में चुनाव होने हैं. कयास लागाए जा रहे हैं कि एक दो दिनों में तारीखों का एलान हो सकता है. निर्वाचन आयोग की तैयारियां अंतिम चरण में है. कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश सहित राजस्थान छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले चुनाव की तारीखों का पीएम मोदी के दौरे के तुरंत बाद आयोग घोषणा कर देगा. बात दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)कल यानि 5 अक्टूबर को मध्य प्रदेश और राजस्थान दौरे पर रहेंगे. इसी के बाद निर्वाचन आयोग (ECI) बड़ी घोषणा करेगा. मध्य प्रदेश में आज बुधवार को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी हो रहा है.
आगामी राज्यों के चुनाव
मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को खत्म हो जाएगा. छत्तीसगढ़ विधानसभा का 3 जनवरी 2024 को, राजस्थान का 14 जनवरी 2024, तेलंगाना का 16 जनवरी 2024 और मिजोरम में 17 दिसंबर 2023 तक नई सरकार का गठन होना जरूरी है. इसी को देखते हुए अंदेशा लगाया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का एलान करेगा. मतदान नवंबर के दूसरे, तीसरे और चौथे हफ्ते में हो सकते हैं. निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण का काम हो चुका है. आज इसका अंतिम प्रकाशन होगा. चुनाव कार्य में भाग लेने वाले अधिकारियों की लिस्ट भी बन रही है. उनकी ट्रेनिंग की जा रही है. पिछले चुनाव में भी 6 अक्टूबर 2018 को निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया था.
राज्य में पीएम मोदी का दौरा
दूसरी तरफ बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी लगातार दौरे और जनसभाएं कर रहे हैं. 2 अक्टूबर को भी पीएम ग्वालियर में थे. अब 5 अक्टूबर को फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबलपुर के दौरे पर रहेंगे. मोदी का ग्वालियर दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. मध्यप्रदेश में सत्ता की राह ग्वालियर चंबल की जीत के बिना पार नहीं की जा सकती. 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल भाजपा की हार का कारण था. ग्वालियर चंबल की 34 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 6 सीटें मिली थीं. जबकि कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उसी के चलते राज्य में कमलनाथ की सरकार बनी थी. बाद में ग्वालियर पर अच्छी पकड़ रखने वाले सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए थे और कांग्रेस सरकार गिराकर दोबारा शिवराज की सरकार बन गई थी. इसी को देखते हुए ग्वालियर चंबल अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर के साथ अमित शाह और पीएम मोदी भी जुटे हुए हैं.