लाल-पीली गोली की पुड़िया देने वाले झोलाछापों की खैर नहीं! गांव-गांव घूमकर फर्जी डॉक्टर ढूंढेगी सरकार
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लाल-पीली गोली की पुड़िया देने वाले झोलाछापों की खैर नहीं! गांव-गांव घूमकर फर्जी डॉक्टर ढूंढेगी सरकार

Madhya Pradesh News: गांव और शहर के गली मोहल्लों में लाल-पीली गोली से बीमारी के इलाज का दावा करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर अब प्रदेश की मोहन सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों को ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों की तलाश कर जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. 

 

मध्य प्रदेश सरकार फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करेगी.

Action Against Fake Doctor: मध्य प्रदेश सरकार अब गली-मोहल्लों में क्लीनिक खोलकर इलाज करने वाले फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसने जा रही है. प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टर और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को गांव-शहर में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर की तलाश करने के लिए कहा है, बिना किसी डिग्री और ट्रेनिंग के इलाज कर रहे हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों का इलाज का व्यवसाय जारी है. समूचे एमपी में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला हुआ है.

दरअसल, गर्मी और बारिश के मौसम में बुखार, खांसी-जुकाम जैसी छोटी बीमारी होने पर लोग इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों से दवा ले लेते हैं. ऐसे झोलाछाप कम कीमत में दवा और इलाज तो कर देते हैं, लेकिन कई मामलों में ऐसा इलाज जानलेवा साबित हो जाता है. क्योंकि इन डॉक्टरों के पास न कोई डिग्री होती है और न कोई ट्रेनिंग होती है. यही वजह है कि सरकार ने अब झोलाछाप फर्जी डॉक्टरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

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गांव-गांव घूमकर ढूंढने होंगे झोलाछाप
मोहन सरकार अब झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई के लिए तैयार हो गई है. झोलाछाप चिकित्सकों के संस्थानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. विभाग ने ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों के बारे में जानकारी मांगी है. स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर सरकारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दें. सभी जिला कलेक्टरों और CMHO को निर्देश दिए हैं.

डिग्रीधारी डॉक्टर ही कर सकते हैं इलाज
बता दें कि एलोपैथी यानी अंग्रेजी दवाओं से इलाज सिर्फ MBBS डिग्री धारक डॉक्टर या इससे ऊपर किसी भी क्षेत्र का विशेषज्ञ का इलाज कर सकते हैं. इसके अलावा किसी को भी अंग्रेजी दवाओं से इलाज करने की इजाजत नहीं है. अगर कोई झोलाछाप डॉक्टर पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. चिकित्सा शिक्षा संस्थान (नियंत्रण) अधिनियम, 1973 या संशोधित अधिनियम, 1975 एवं संशोधन अधिनियम, 2006 की 7-ग का उल्लंघन करने पर 3 साल की जेल या 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. 

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बड़े-बड़े ऑपरेशन कर रहा था झोलाछाप
हाल ही मे झोलाछापों के खिलाफ अभियान के तहत अनूपपुर जिले में एक क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई की गई. स्वास्थ्य विभाग उस वक्त हैरान रह गया जब उसे पता चला कि यहां एक फर्जी डॉक्टर अपनी क्लीनिक में बड़े-बड़े ऑपरेशन कर रहा था. ग्रामीण ने बताया कि डॉक्टर कई बड़े-बड़े ऑपरेशन करता है. ग्रामीणों ने झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किए गए रीड के हड्डी के ऑपरेशन की एक तस्वीर भी दिखाए, जिसमें मरीज के पीठ पर कई टांके भी लगे हुए थे.

भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट

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