अब सड़कों पर बसें दौड़ाएंगी एमपी की महिलाएं; ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फ्री में जारी किए ड्रायविंग लाइसेंस, ये है वजह
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अब सड़कों पर बसें दौड़ाएंगी एमपी की महिलाएं; ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फ्री में जारी किए ड्रायविंग लाइसेंस, ये है वजह

MP News: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ड्रायविंग लाइसेंस जारी किया है. बता दें कि प्रदेश में महिलाओं को ड्राइविंग करने की ट्रेनिंग भी दी गई है. 

अब सड़कों पर बसें दौड़ाएंगी एमपी की महिलाएं; ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फ्री में जारी किए ड्रायविंग लाइसेंस, ये है वजह

Transport Department issued Licenses For Women: मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह- तरह की स्कीम चला रही है, महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, इसी बीच एमपी परिवहन विभाग ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अच्छी पहल की है. बता दें कि प्रदेश की 6.53 लाख से ज्यादा महिलाओं को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फ्री में ड्रायविंग लाइसेंस दिए हैं. इसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मसम्मान के साथ रोजगार का साधन उपलब्ध कराना है. 

जारी हुए लाइसेंस 
मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए लगातार काम कर रही है. महिलाओं को आत्मसम्मान के साथ रोजगार दिलाने के लिए महिलाओं के लिये नि:शुल्क ड्रायविंग लाइसेंस की योजना चालाई जा रही है, इस योजना के माध्यम से अब तक 6 लाख 53 हजार से अधिक महिलाओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लाइसेंस जारी किये गये हैं. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि विभाग द्वारा 7 लाख 52 हजार 600 से अधिक लर्निंग लायसेंस भी जारी किए गए हैं. साथ ही साथ महिलाएं सार्वजनिक बसों पर सुरक्षित रूप से यात्रा कर सके, इसके लिए बसों में हेल्पलाइन नंबर 1091 भी लिखवाया गया है. 

दी जा रही ट्रेनिंग
परिवहन विभाग द्वारा महिलाओं को रोजगार दिलाये जाने के उद्देश्य से चालक-परिचालक का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, बता दें कि प्रदेश के 8 जिलों  जबलपुर, झाबुआ, खंडवा, उज्जैन, धार, इंदौर, सागर और ग्वालियर में करीब 730 महिलाओं और युवतियों को हल्के मोटर यान यानि की लाइट मोटर व्हीकल चलाने की ट्रेनिंग दिलाई गई है, इसके बाद उन्हें  ड्रायविंग लायसेंस जारी किये गये हैं.

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ये भी रहेगी सुविधा
परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक वाहन में महिलाओं और युवतियों के सुरक्षित परिवहन के लिये निर्भया फंड की मदद से पैनिक बटन सहित लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस प्रणाली मापदण्ड अनुसार लगाई जा रही है, अब तक लगभग 46 हजार 500 उपकरण वाहनों में लगाये जा चुके है. महिलाओं की सुरक्षा के हिसाब से ये काफी ज्यादा उपयोगी हैं. साथ ही साथ बता दें कि कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर का निर्माण प्रदेश की राजधानी भोपाल में हो चुका है.

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