इफ्तारी वाले जनेऊ डाल रहे.. हनुमान चालिसा पढ़ रहे, देश बदल रहा..नरोत्तम मिश्रा के बयान ने बढ़ाया सियासी पारा
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इफ्तारी वाले जनेऊ डाल रहे.. हनुमान चालिसा पढ़ रहे, देश बदल रहा..नरोत्तम मिश्रा के बयान ने बढ़ाया सियासी पारा

MP के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) इन दिनों बीजेपी (BJP) के निशाने पर हैं. उनके हिंदूओं और आरएसएस (RSS) पर दिए बयान से प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है.

इफ्तारी वाले जनेऊ डाल रहे.. हनुमान चालिसा पढ़ रहे, देश बदल रहा..नरोत्तम मिश्रा के बयान ने बढ़ाया सियासी पारा

भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) इन दिनों बीजेपी (BJP) के निशाने पर हैं. उनके हिंदूओं और आरएसएस (RSS) पर दिए बयान से प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. मामला बढ़ने पर अब उन्होंने RSS पर दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने कभी हिंदू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद नहीं कहा है मैंने संघी आतकंवाद की बात कही थी. उनके इस बयान पर जुबानी हमले तेज हो गए हैं. पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) ने पलटवार किया और अब नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने उनपर तंज कसा. 

'इफ्तारी तक सीमित रहने वाले दिग्विजय सिंह'
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनपर तंज कसते हुए कहा कि राजनीति में सिर्फ इफ्तारी तक सीमित रहने वाले दिग्विजय सिंह जैसे लोग आज अपने आप को हिंदू साबित करने में लगे हुए हैं, इससे अच्छे दिन और क्या होंगे? दिग्विजय जी आप देर आए दुरुस्त आए. देर से ही सही अब तो आप भी अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनने लगे हैं. इससे अच्छे दिन क्या होंगे कि वो स्वयं ये बता रहे हैं और वो भी विवेकानंद जयंती के दिन कि मैं हिंदू विरोधी नहीं हूं. 

 

'देर आए दूरूस्त आए'
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को मीडिया के सामने बार बार बताना पड़ रहा है कि मैं हिंदू हूं. देर आए दूरूस्त आए.  वो पुराण का हवाला देकर दुहाई दे रहे हैं कि मैंने कभी हिंदू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद नहीं कहा है. जो इफ्तारी तक सीमित रहने वाले नेता थे उनमें से कोई जनेऊ डाल रहा है, कोई हनुमान चालिसा पढ़ रहा है. देश बदल रहा है. ये बदलाव मोदी जी, अमित शाह जी के कारण है. 

'रावण की राह पर दिग्विजय सिंह'
इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से दिग्विजय सिंह को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह अब रावण की राह पर चलने लगे हैं. दिग्विजय सिंह आतंकवादियों का समर्थन करते थे, नक्सलवाद का समर्थन करते थे, हिंदुत्व पर प्रहार करते थे लेकिन अब उन्हें बात समझ आने लगी है, इसलिए अब अपने पाप धोने का काम कर रहे हैं. आखिर दिग्विजय सिंह को अब ये कहने की जरूरत क्यों पड़ गई कि वो हिंदू विरोधी नहीं हैं. जिस तरह रावण को लगता था कि अब भगवान राम के हाथों मृत्यु पाकर ही उसे मोक्ष मिलेगा. उसी रास्ते पर अब दिग्विजय सिंह चल रहे हैं.

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