IPC की जगह न्याय संहिता के तहत दर्ज होंगे केस, CM मोहन बोले- यह बड़ा मील का पत्थर साबित होगा
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IPC की जगह न्याय संहिता के तहत दर्ज होंगे केस, CM मोहन बोले- यह बड़ा मील का पत्थर साबित होगा

MP News: देशभर में एक जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम ने कहा कि यह बड़ा मील का पत्थर साबित होगा.

 

IPC की जगह न्याय संहिता के तहत दर्ज होंगे केस, CM मोहन बोले- यह बड़ा मील का पत्थर साबित होगा

New Rules from 1st July: 1 जुलाई 2024 से भारत में भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू हो जाएगी. अब पुलिस और न्यायपालिका भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत ही काम करेगी. इस कानून के लागू होने से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा. हम सालों से यह महसूस कर रहे हैं. दंड संहिता का लोगो भी हमें डराता था.

सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान
दंड संहिता की जगह न्याय संहिता लागू होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मील का पत्थर साबित होगा. हम वर्षों से यह महसूस कर रहे हैं. दंड संहिता का लोगो भी डराता था. सीएम ने कहा कि आंख बंद करके कौन न्याय करता है. आंख बंद करना गुलामी का प्रतीक है. भारत का इतिहास दंड का नहीं, न्याय का प्रतीक है.

1 जुलाई से बदल जाएंगे ये नियम
1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. 1 जुलाई से भारत में भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्यायिक संहिता (BNS) लागू हो जाएगी. अब पुलिस और न्यायपालिका भारतीय न्यायिक संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई करेगी. अब पहले की 511 धाराओं की जगह केवल 358 धाराएं ही लागू होंगी.

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बता दें कि 1 जुलाई से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे, जो देश की न्याय व्यवस्था में अहम बदलाव लाएंगे. अंग्रेजी की जगह भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल.कानून की भाषा और परिभाषाओं को भारतीय संदर्भ और भाषाओं के अनुरूप बनाया गया है, ताकि इसे आम जनता के लिए अधिक सुलभ और समझने योग्य बनाया जा सके. अब एफआईआर दर्ज करने के नए तरीके, हेडलाइन और धाराएं होंगी, जो डिजिटल और फोरेंसिक जांच को सपोर्ट करेंगी. उधर, न्याय संहिता लागू होने से पहले ही विपक्ष भड़क गया है. कांग्रेस ने कहा कि कार्रवाई के लिए मौजूदा कानून ही पर्याप्त है.

 

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