Organ Donation:मरने के बाद भी डॉक्टर ने निभाया अपना कर्तव्य, कई लोगों को दे गई नया जीवन
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Organ Donation:मरने के बाद भी डॉक्टर ने निभाया अपना कर्तव्य, कई लोगों को दे गई नया जीवन

इंदौर से 207 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे 35 मिनट में तय करने के बाद महिला डॉक्टर का लिवर भोपाल पहुंचा. बीती रात फंदा टोल नाके से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर राजधानी से 28 मिनट में 32 किलोमीटर का सफर तय कर लिवर निजी अस्पताल में पहुंचा. 

फोटो साभार- दैनिक भास्कर

भोपाल:अंगदान के लिए इंदौर लगातार इतिहास रच रहा है. एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर डॉक्टर का लिवर भोपाल पहुंचाया गया. इंदौर से 207 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे 35 मिनट में तय करने के बाद महिला डॉक्टर का लिवर भोपाल पहुंचा. बीती रात फंदा टोल नाके से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर राजधानी से 28 मिनट में 32 किलोमीटर का सफर तय कर लिवर निजी अस्पताल में पहुंचा. 

मरने के बाद कई लोगों को दे गई जीवन दान
यह लिवर डेंटल सर्जन डॉ. संगीता पाटिल का है, जिनकी मौत सड़क हादसे में घायल होने से हुई. उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया था. परिवार की सहमति से इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन और कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा से चर्चा कर ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया. जिसके बाद उनके ऑर्गन डोनेट किए गए. संगीता पाटिल की दोनों किडनी, लिवर, स्किन और आंखें डोनेट की गई हैं. एक किडनी इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल में ही एक मरीज को ट्रांसप्लांट की गई. तो वहीं दूसरी किडनी इंदौर के सीएचएल हॉस्पिटल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजी गई. वहीं उनका लिवर भोपाल के निजी अस्पताल में ट्रांसप्लांट के लिए भेजा गया.

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संगीता के लिवर को भोपाल के निजी हॉस्पिटल तक भेजा जाएगा. इंदौर से भोपाल तक पहली बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है. ग्रीन कॉरिडोर के लिए इंदौर, देवास, सीहोर और भोपाल के एसपी को भी अलर्ट पर रखा गया है. भोपाल जाते समय एंबुलेंस के आगे फॉलो वाहन मौजूद रहेगा और किसी भी टोल टैक्स पर गाड़ी नहीं रोकी जाएगी.

ब्रेन डेड स्थिति में डोनेट हो सकते है ऑर्गन
ब्रेन डेड होना मेडिकल की दुनिया में किसी व्यक्ति की उस शारीरिक अवस्था को कहते हैं, जब उसका दिमाग क्रिया और प्रतिक्रिया (ऐक्शन और रिऐक्शन) करना बंद कर देता है। इससे वह व्यक्ति जीवित तो रहता है लेकिन उसमें चेतना नहीं होती है। वह किसी तरह का रिऐक्शन नहीं देता है. अगर न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन किसी व्यक्ति को ब्रैन डेड घोषित कर देते हैं, अगर उनका परिवार सहमत हो तो उनके ऑर्गन डोनेट करवाए जा सकते हैं. लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है.

पूरे 8 लोगों को मिल सकता है नया जीवन
ब्रेन डेड होने के तुंरत बाद दो किडनी, दो कार्निया, लंग्स, ब्लड वेशल्स, मसल्स एंड लिगामेंट, पेनिस, कर्टिलेजस, हार्ट, लीवर, बोनमेरो, स्किन, पैंक्रियाज डोनेट की जा सकती हैं.

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