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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में जारी चुनावी घमासान के बीच जहां हर दिन अलग-अलग रंग दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कभी दबंगई और कारनामों की वजह से देश की सुर्खियों में रहने वाली बसपा की दबंग विधायक रामबाई सिंह की मुश्किलें लगातार ही बढ़ती जा रही हैं. पारिवारिक कारणों से तनाव झेल रही रामबाई सिंह की मौजूदा मुश्किलों की वजह राजनीतिक विरोधियों की चाल सामने आ रही है और हमेशा चिलाने चीखने वाली रामबाई का गला रुंधा है और गम्भीर होकर वो जनता से षड्यंत्रों में न फंसने की अपील कर रही हैं.
दरअसल रामबाई को एक बार फिर बीएसपी ने दमोह जिले की पथरिया सीट से प्रत्याशी बनाया है. बीते चुनाव में रामबाई के साथ पूरा परिवार था लेकिन इस बार मामला अलग है. विधायक के पति, देवर, भतीजे के साथ उनके भाई कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया हत्याकांड में तीन साल से जेल में बंद है. दो दिन पहले जेल मुख्यालय ने आदेश जारी कर दमोह जेल में बंद उनके परिजनों को सागर, भोपाल और हटा जेल में ट्रांसफर किया है. इसके पीछे का कारण ये सामने आया कि वो जेल में रहते हुए चुनाव को प्रभावित कर सकते है.
आखिर पूरा मामला क्या है?
बता दें कि वोटिंग की तारीख नजदीक आते ही रामबाई को नुकसान पहुंचाने का खेल शुरू हुआ है. रामबाई के मुताबिक विरोधी लोगों को जबरन शराब पिलाकर दबाव डालकर वीडियो बना रहे हैं. जिसमें कहा जा रहा है कि रामबाई को वोट नहीं दिया तो हालत बिगाड़ देंगे और ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये जा रहे हैं. इसे लेकर रामबाई ने एक वीडियो अपील जारी की है.
बेटी ने संभाला मोर्चा
वहीं दूसरी तरफ बसपा विधायक के साथ अब उनकी बेटी ने मोर्चा संभाला है. दिल्ली में पढ़ रही उनकी बेटी मेघा सिंह इस चुनाव में पहली बार मंच पर दिख रही हैं. अपने पिता, चाचा, मामा और भाई के जेल में होने की बात जनता से कहकर वो कह रही हैं कि उनके परिवार को झूठे केस में फंसाया गया है और यदि आज उनके पिता जेल में न होते तो उन्हें जनता से वोट मांगने न आना पड़ता.
अपनी दबंगई के लिए मशहूर रामबाई को इलाके दलित वर्ग पर यकीन है और मानना है कि यही तबका उनकी नैया पार लगाएगा लेकिन इलाके में कांग्रेस और भाजपा उनके इस वोट बैंक में सेंधमारी कर रहा है. लिहाजा मंच से रामबाई इस तबके को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं.
पथरिया सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
खैर पथरिया सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. भाजपा ने कुर्मी नेता लखन पटेल कांग्रेस ने लोधी जाति के युवा नेता राव ब्रजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. जबकि रामबाई राजपूत क्षत्रिय समाज से आती हैं और इन जातियों का समीकरण खास मायने रखता है. ऐसे में दलित और आदिवासी वोट निर्णायक भूमिका में होगी. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस सीट पर क्या रंग देखने को मिलते हैं.
रिपोर्ट - महेंद्र दुबे