मां दुर्गा के मंदिर की जमीन हड़पने शख्स ने किया ऐसा कारनामा, सुनकर चकरा जाएगा सिर
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मां दुर्गा के मंदिर की जमीन हड़पने शख्स ने किया ऐसा कारनामा, सुनकर चकरा जाएगा सिर

हैरान करने वाली बात तो यह है कि जमीन हड़पने के लिए मुलई सिंह ने कुछ ऐसा किया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है.

मां दुर्गा के मंदिर की जमीन हड़पने शख्स ने किया ऐसा कारनामा, सुनकर चकरा जाएगा सिर

संदीप मिश्रा/डिंडौरी। आमतौर पर इंसान खुद को भगवान की संतान बताता है, लेकिन मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर सब हैरान है. क्योंकि यहां मां दुर्गा के पिता सामने आ गए. आप सोच रहे होंगे भला ऐसा कैसे हो सकता है. तो इसके पीछे की वजह हम आपको बताने जा रहे हैं. 

मंदिर की जमीन हड़पने किया कारनामा 
पूरा मामला लालच से जुड़ा हुआ है. क्योंकि एक शख्स मंदिर की कीमती जमीन को हड़पने के लिए एक व्यक्ति मां दुर्गा का कथित पिता बन गया है. मामला डिंडौरी जिले की करंजिया तहसील में आने वाले झनकी गांव का है. जहां करीब 50 वर्षों से दुर्गा मंदिर के नाम पर सरकारी रिकार्ड में लगभग 6 एकड़ जमीन दर्ज थी. लेकिन साल 2018-19 में मंदिर के केयरटेकर मुलई सिंह ने तात्कालीन राजस्व अमले के साथ सांठगांठ कर मंदिर की जमीन को सरकारी दस्तावेजों में अपने नाम करवा लिया. 

मां दुर्गा का पिता बन गया शख्स 
हैरान करने वाली बात तो यह है कि जमीन हड़पने के लिए मुलई सिंह ने खुद को मां दुर्गा का पिता दर्शा दिया और तात्कालीन राजस्व अमला भी इस फर्ज़ीवाड़े में पूरी तरह से संलिप्त रहा. मां दुर्गा मंदिर की जमीन के नामपर हुए फर्जीवाड़े की जानकारी लगते ही जिला प्रशासन द्वारा रिकार्ड दुरुस्त कर उक्त जमीन वापस दुर्गा मंदिर के नाम पर दर्ज़ कर दी गई है तो वहीं तात्कालीन पटवारी को शोकाज नोटिस जारी कर तलब किया गया है.

इस तरह हुआ मामले का खुलासा 
दरअसल, डिंडौरी जिले के कलेक्टर रत्नाकर झा इन दिनों जिले में मंदिर व ट्रस्टों की जमीन को कब्जा मुक्त करने विशेष अभियान चला रहे हैं. इसी अभियान के दौरान फर्ज़ीवाड़े के हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं. जिसमें झनकी गांव से जुड़ा यह मामला सामने आया. इससे कुछ दिनों पहले ही अमरपुर तहसील के रामगढ़ स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर के नाम पर दर्ज 30 एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था. इस मामले में भी मंदिर का केयरटेकर खुद को भगवान राधाकृष्ण का पिता दर्शाकर राजस्व अमले के साथ मिलीभगत कर 30 एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली थी. जिसपर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने रिकार्ड दुरुस्त कर जमीन वापस मंदिर के नाम दर्ज करा दिया है. 

एसडीएम बलवीर रमण ने बताया की अब तक 4 मंदिर व ट्रस्ट की जमीन के रिकार्ड में सुधार किया गया है, इन मामलों में लापरवाह राजस्व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर तलब किया गया है. डिंडौरी जिले में मंदिर व ट्रस्ट की जमीन में हुए फर्ज़ीवाड़े पर प्रशासन की कार्यवाही काबिले तारीफ़ है लेकिन सोचने और समझने वाली बात यह है की इतना बड़ा फर्जीवाड़ा क्या अकेले पटवारी की मिलीभगत से संभव है ?

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