Rahul Gandhi Parliament Membership Rejected: मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता को खारिज कर दिया गया है. बता दें कि इस सजा के तहत तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है' .
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Rahul Gandhi Case Hearing in Surat Court: (ब्रेकिंग) गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मानहानि के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई गई. वहीं आज राहुल गांधी के संसद की सदस्यता भी खारिज कर दी गई है. बता दें कि राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं. 2019 में सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. जिस पर सूरत कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज हुआ था.
जानिए क्या है सजा का प्रावधान
आपको बता दें कि सुतर कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई थी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक.. 'कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम 2 साल की जेल दी जाती है, तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है' इतना ही नहीं संसद की सजा की अवध पूरी होने के बाद भी छह वर्ष तक चुनाव लड़ने योग्य नहीं रहता है.
8 साल तक नहीं लड़ सकते हैं चुनाव
फिलहाल राहुल गांधी की सदस्या खत्म हो गई है. हालांकि राहुल गांधी को अपनी सदस्यता को बनाए रखने के लिए अभी सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. वे अपनी राहत के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगा सकते हैं. जहां यदि सूरत कोर्ट के फैसले पर स्टे लग जाता है तो सदस्यता उनकी सदस्या बच सकती है. वहीं यदि हाईकोर्ट स्टे नहीं देता है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाज खटखटाना होगा. वहीं अगर सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिलती है तो वे अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
जानिए क्या कहा सीएम बघेल ने!
वहीं इस मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्मंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया आई है कि तानाशाह का सबसे बड़ा डर होता है कि उससे लोग डरना बंद न कर दें. आप उसे डराना चाहते हैं जो पूरे देश को कह रहा है “डरो मत” इंदिरा जी के साथ भी यही भूल की थी कुछ लोगों ने, बाकि फिर इतिहास है. यहीं मिलेंगे जनता की अदालत में जनता होगी, जन नेता होगा. नहीं होगा तो सिर्फ डर और तानाशाह.
तानाशाह का सबसे बड़ा डर होता है कि उससे लोग डरना बंद न कर दें.
आप उसे डराना चाहते हैं जो पूरे देश को कह रहा है “डरो मत”
इंदिरा जी के साथ भी यही भूल की थी कुछ लोगों ने, बाकि फिर इतिहास है.
यहीं मिलेंगे जनता की अदालत में. जनता होगी, जननेता होगा..नहीं होगा तो सिर्फ़ डर और तानाशाह
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 24, 2023
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