MP News: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने एक हफ्ते में 12 नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा (Cabinet Minister Status) दिया है. चुनाव (2023 Assembly Election) से पहले नेताओं को साधने के हिसाब से ये बड़ा फैसला माना जा रहा है.
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MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव (2023 Assembly Election) से पहले नियुक्तियों का दौर जारी है. 7 दिन में दूसरी बार निगम मंडलों के चार अध्यक्षों को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा (Cabinet Minister Status) दिया गया है. इससे पहले सरकार (Shivraj Government) ने 8 निगम मंडल अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री और चार उपाध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था. अब इस लिस्ट में 4 नेता और शामिल हो गए हैं. माना जा रहा है ये बड़ा चुनावी फैसला साबित हो सकता है.
इन्हें मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा
मध्य प्रदेश राज्य विमुक्त घुमक्कड एवं अर्द्धघुमक्कड जाति अभिकरण के अध्यक्ष बाबूलाल बंजारा
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष भरतदास बैरागी
मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष हेमंत तिवारी
मध्य प्रदेश शहरी एवं ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल (संबल) के अध्यक्ष सुल्तान सिंह शेखावत
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कुछ दिन पहले 8 नेताओं को मिला था दर्जा
इससे पहले सरकार ने 8 नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था. इसमें भागचंद्र उईके (प्रवासी आयोग के अध्यक्ष), रफत वारसी ( हज कमेटी के अध्यक्ष), कृष्णमोहन सोनी ( अध्यक्ष भोपाल विकास प्राधिकरण), वेदप्रकाश शर्मा (एमपी योग आयोग अध्यक्ष), भगवानदास गोंडाने ( अध्यक्ष श्रम कल्याण मंडल), रामदयाल प्रजापति (अध्यक्ष, माटी कला बोर्ड), रामलाल रोतेले (अध्यक्ष मप्र राज्य स्तरीय कोल विकास प्राधिकरण), घनश्याम पुरोनिया (अध्यक्ष बांस विकास प्राधिकरण) का नाम शामिल था.
इन्हें मिला था राज्य मंत्री का दर्जा
नंदराम कुशवाहा (उपाध्यक्ष राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम), सुनील पांडे (उपाध्यक्ष भोपाल विकास प्राधिकरण), अनिल अग्रवाल (उपाध्यक्ष भोपाल विकास प्राधिकरण), राकेश शुक्ला ( उपाध्यक्ष इंदौर विकास प्राधिकरण) को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था.
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चुनाव के लिहाज से लिया गया फैसला
बता दें इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी जनता को साधने के लिए अलग-अलग वर्गों के हिसाब से कार्यक्रम चला रही है. वहीं सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि संगठन में टूट न आए इसके लिए पार्टी ने कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री का दर्जा नेताओं को दिया है.
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