CG News: भगवान श्री राम के ननिहाल पहुंची चरण पादुका, दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़!
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CG News: भगवान श्री राम के ननिहाल पहुंची चरण पादुका, दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़!

Chhattisgarh News: अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं. इस बीच श्री राम का ननिहाल कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में सोमवार को राम की चरण पादुका पहुंची. श्री लंका के अशोक वाटिका से आई चरण पादुका के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहा.

CG News: भगवान श्री राम के ननिहाल पहुंची चरण पादुका, दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़!

Chhattisgarh News: अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं. इस बीच श्री राम का ननिहाल कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में सोमवार को राम की चरण पादुका पहुंची. श्री लंका के अशोक वाटिका से आई चरण पादुका के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहा. चरण पादुका के दर्शन करने और स्वागत करने के लिए पूरा शहर जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा.

बता दें कि यह चरण पादुका श्री लंका से भगवान श्री राम के वन गमन पथ होते हुए अयोध्या जा रही हैं. ये यात्रा राम वन गमन पथ से होते हुए 22 जनवरी अयोध्या पहुंचेगी. यात्रा 15 दिसंबर से शुरू हुई थी. महेंद्रगढ़ के राम मंदिर में भगवान श्री राम की चरण पादुका कारसेवक लेकर पहुंचे थे. इस दौरान राम मंदिर सैकड़ों की संख्या में राम भक्तों ने चरण पादुका के दर्शन किए. साथ ही कार सेवकों पर लोगों ने फूल बरसा कर उनका स्वागत किया. 

22 जनवरी को सजेगा शहर
मंदिर के पुजारी ने बताया कि जब 1990-91 में कार सेवा शुरू हुई. उस समय हम लोग अयोध्या गये थे और वहां के लोगों द्वारा काफ़ी परेशान किया गया. उस समय पुलिस के द्वारा लाठी मार खानी पड़ी थी. हम भगवान की सेवा करने गए थे. आज चरण पादुका के दर्शन किए. हम लोग बहुत खुश हैं. आने वाले 22 जनवरी को मंदिरों और शहर को दिया से सजाएंगे.

 

44 दिन की है यात्रा
श्री राम राज्य युवा यात्रा 15 दिसंबर को श्रीलंका के अशोक वाटिका से आरंभ होकर 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी. यह यात्रा श्रीलंका के अशोक वाटिका से अयोध्या तक लगभग 10000 किलोमीटर से ज्यादा है. पूरी यात्रा 44 दिन की है. यह यात्रा उस मार्ग से अयोध्या लौट रही है. जिस मार्ग से चलकर भगवान श्री राम वनवास गए थे. यात्रा का उद्देश्य यह है कि वनवास जाते समय जिन आदिवासियों ने भगवान श्री राम को कई तरह से सहायता या मदद की थी. यात्रा के जरिए उनका धन्यवाद ज्ञापित कर उन्हें अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम के मंदिर की जानकारी देकर उन्हें उस मंदिर में आमंत्रित करना रहे है.

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