दुश्मन का सिर काट थानेदार की टेबल पर रखने का था प्लान, ''द माइंड ब्लोइंग दुर्लभ कश्यप'' ग्रुप के 5 धरे गए
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दुश्मन का सिर काट थानेदार की टेबल पर रखने का था प्लान, ''द माइंड ब्लोइंग दुर्लभ कश्यप'' ग्रुप के 5 धरे गए

इंदौर की बाणगंगा थाना पुलिस ने शहर में आतंक फैलाने की साजिश रच रहे पांच खतरनाक बदमाशों को गिरफ्तार किया है. 

गिरफ्त में आरोपी

अंशुल मुकाती/इंदौर: इंदौर की बाणगंगा थाना पुलिस ने शहर में आतंक फैलाने की साजिश रच रहे पांच खतरनाक बदमाशों को गिरफ्तार किया है. गैंग का सरगना मिथिलेश लश्करी है जो उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप का शागिर्द (चेला) रहा है. आरोपी ''मिथिलेश द माइंड ब्लोइंग दुर्लभ कश्यप'' वॉट्सएप ग्रुप पर मोनू कश्यप की हत्या की साजिश कर रहा था. आरोपी डकैती करने के बाद और मोनू की गर्दन काट कर थाना में पेश होने के मंसूबे पाले हुए थे. इस गैंग में उप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र के गैंगस्टर भी जुड़े है.

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दअरसल बाणगंगा थाना क्षेत्र में रहने वाले बदमाश मिथिलेश का राधानगर में रहने वाले मोनू कश्यप से कुछ दिन पहले विवाद हुआ था. जिसका बदला लेने के लिए मिथिलेश ने अपने वाट्सअप ग्रुप द माइंड ब्लोइंग पूरे प्रदेश के हर शहर के बदमाशों से चेटिंग की और कहा सभी हथियार लेकर आओ. इंदौर शहर में आतंक मचाना है और मोनू कश्यप की हत्या करना है. जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी लगी. पुलिस ने वाट्सअप ग्रुप पर नजर रखी और अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और वारदात के पहले ही पांचों बदमाश गैंग का सरगना मिथिलेश, सन्नी उर्फ भय्यू, मोनू उर्फ मनोज, राज और प्रदीप को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से देशी कट्टा, तीन चाकू, मोबाइल और कार जब्त की.

आपको बता दें कि गैंग का सरगना मिथिलेश उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप का साथी रहा है. दुर्लभ की करीब एक साल पूर्व हत्या हो चुकी है. वह दुर्लभ से इतना प्रभावित था कि उसने सीने पर उसका टैटू गुदवा लिया था. कुछ दिनों पूर्व उसका मोनू से विवाद हुआ और मोनू ने चांटा मार दिया. मिथिलेश ने शर्ट का बटन खोलकर मोनू को दुर्लभ का फोटो बताया और कहा वह दुर्लभ का साथी है. मोनू ने गुस्से में दुर्लभ को भी अपशब्द बोले और मिथिलेश को भगा दिया. फिलहाल गैंग के पांचों बदमाश अब पुलिस की गिरफ्त में है. वहीं पुलिस वाट्सअप चेटिंग के आधार पर इनके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है.

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जानिए कौन है दुर्लभ कश्यप
दुर्लभ कश्यप एक खास ड्रेस कोड, सोशल मीडिया के जरिए धमकी और गैंग का प्रचार करता था. यही उसके  काम करने का तरीका भी था. दुर्लभ को उज्जैन का सबसे बड़ा डॉन बनना था. माथे पर लाल टीका, आंखों में सुरमा और कंधे पर गमछा, यही दुर्लभ कश्यप और उसके गैंग की पहचान थी. 18 साल की उम्र तक दुर्लभ पर 9 मामले दर्ज हो चुके थे. दुर्लभ 16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा और 20 साल की उम्र में अपराध की दुनिया का पोस्टर बॉय बन कर मारा गया. बता दें कि दुर्लभ कश्यप ने फेसबुक पर स्टेट्स लगाया था कि, वह कुख्यात बदमाश, हत्यारा और अपराधी है कोई सा भी विवाद हो. कैसा भी विवाद हो तो उससे संपर्क करें. इसी के साथ इन लोगों की प्रोफाइल पर हथियारों के साथ पोस्ट, धमकाने और दहशत फैलाने वाली पोस्ट भी डाली जाती थी. कई युवा आज भी उसके मुरीद है और उसके नाम से कई ग्रुप आज भी सोशल मीडिया पर रन कर रहे है.

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