Ujjain News: स्वामी प्रेमानंद महाराज ने उज्जैन में एक कथा के दौरान हिंदू माताओं को 4-4 बच्चे पैदा करने की सलाह दी है. उनका कहना है कि इससे हिंदू धर्म और संस्कृति को बचाया जा सकेगा.
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Swami Premananda Controversial statement: पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज अपने एक विवादित बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं. स्वामी प्रेमानंद महाराज ने उज्जैन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान विवादित बयान देते हुए हिंदू माताओं को 4-4 बच्चे पैदा करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि अगर कुछ माताएं 2 या 3 बच्चों का लक्ष्य रखती हैं, तो बाकी बच्चों को उन्हें दे दें, ताकि उनका पालन-पोषण किया जा सके. कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत को हिंदुस्तान बनाना है तो माताओं को कम से कम 1 परिवार में 4 पुत्र होने चाहिए, लेकिन हमारी माताएं तो फिगर मेंटेन करने में लगी हैं.
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कौन हैं स्वामी प्रेमानंद महाराज?
बता दें कि स्वामी प्रेमानंद महाराज की बात करें तो वो पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर हैं. वे एक प्रतिष्ठित धार्मिक नेता हैं. अब वो बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं. दरअसल, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज के मुखारबिंद से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन उज्जैन के बड़नगर रोड स्थित मोहनपुरा में श्री बाबाधाम मंदिर (अर्जी वाले हनुमान -81 फीट) में किया जा रहा है. श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन गुरुवार को स्वामी प्रेमानंद महाराज ने गोवर्धन पूजा की कथा सुनाई. इस अवसर पर उन्होंने हिंदू माताओं को चार बच्चे पैदा करने की सलाह दी.
'माताएं फिगर बनाए रखने में लगी हैं'
स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 17 जिले अब हिंदू धर्म के नहीं रहे हैं, आधा बंगाल संकट में है, और असम में 5 लाख लोग बिना पासपोर्ट और वीजा के रह रहे हैं, जबकि वहां 8-8 बच्चे हो रहे हैं. वहीं, हमारे यहां माताएं फिगर बनाए रखने में लगी हैं. महाभारत में लिखा है कि पहले 60,000 बच्चे होते थे, लेकिन अब 1-2 ही हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपका 2 बच्चों का लक्ष्य है, तो 3 बच्चे पैदा करें और हमें दे दें, हम उनका पालन-पोषण कर देंगे. पहले 2 करोड़ थे, फिर 9 करोड़ हुए और अब 38 करोड़ हो गए हैं. अगर यही हाल रहा तो हिंदुस्तान इंडोनेशिया बन सकता है.
प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि यदि अखंड भारत की कल्पना करनी है, तो माताओं को कम से कम 4 बच्चे पैदा करने चाहिए और अगर ज्यादा हो जाएं तो यह ईश्वर की कृपा होगी. सनातन संस्कृति को बचाने के लिए माताओं को क्षत्राणी बनना होगा. आज हम अल्पसंख्यक उन्हें कहते हैं, और कल कश्मीर की तरह हम भी अल्पसंख्यक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मां ने 7 बच्चों की परवरिश की है और वे 7 भाई हैं.
रिपोर्ट: राहुल राठौर (उज्जैन)