अक्टूबर 2019 में हिमांशु दीक्षित द्वारा जबलपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मोटर व्हीकल नियम 1994 के नियम 213 (2) की वैधता को चुनौती दी गई थी.
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कर्ण मिश्रा/जबलपुर: मध्य प्रदेश में महिलाओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हेलमेट न लगाने की छूट खत्म कर दी गई है. लॉ स्टूडेंट हिमांशु दीक्षित की ओर से 2019 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के इस नियम पर हैरानी जताई थी. हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सड़क हादसे में जान किसी की भी जा सकती है, फिर महिलाओं को हेलमेट पहनने से छूट क्यों?
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न्यायालय की इस टिप्पणी के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है. मध्य प्रदेश सरकार ने राजपत्र जारी कर मोटर व्हीकल नियम 1994 में परिवर्तन किया है. सरकार ने मध्य प्रदेश मोटरयान 1994 के नियम 213 (2) के जरिए प्रदेश में महिलाओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हेलमेट न पहनने की छूट प्रदान की थी.
याचिकाकर्ता हिमांशु दीक्षित वर्तमान में राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) भोपाल में BALLB (ऑनर्स) के चौथे वर्ष के छात्र हैं. अक्टूबर 2019 में हिमांशु दीक्षित द्वारा जबलपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मोटर व्हीकल नियम 1994 के नियम 213 (2) की वैधता को चुनौती दी गई थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि मध्य प्रदेश राज्य के मोटर व्हीकल एक्ट 1994 के नियम 213 (2) के कारण संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (1) और 21 का उल्लंघन हो रहा है.
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इस जनहित याचिका पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखा था और याचिकाकर्ता की दलीलों से सहमति जताई थी. मध्य प्रदेश में अब सिर्फ सिख समुदाय को हेलमेट न लगाने की छूट रहेगी, अन्य सभी के लिए हेलमेट अनिवार्य हो गया है. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट, मद्रास हाई कोर्ट भी सभी जेंडर्स के लिए हेलमेट अनिवार्यता के आदेश समय-समय पर जारी कर चुके हैं.
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