पढ़ाई के लिए पिता ने बेचा घर, मां ने गिरवी रखे गहने, पहले अटेम्प्ट में बेटा बना IAS
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पढ़ाई के लिए पिता ने बेचा घर, मां ने गिरवी रखे गहने, पहले अटेम्प्ट में बेटा बना IAS

प्रदीप का परिवार मूलरूप से बिहार का का रहने वाला है. लेकिन 1992 में उनके पिता इंदौर आकर बस गए और एक पेट्रोल पंप में नौकरी करने लगे. प्रदीप की पढ़ाई में रुकावट न आए इसके लिए उन्होंने अपना घर भी बेच दिया. जिसके बाद से पूरा परिवार किराए के मकान में रह रहा है.

पढ़ाई के लिए पिता ने बेचा घर, मां ने गिरवी रखे गहने, पहले अटेम्प्ट में बेटा बना IAS

नई दिल्ली. यूपीएससी 2019 परीक्षा में जिस प्रदीप सिंह ने ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की क्या उन्हें आप जानते हैं. यह वही प्रदीप सिंह हैं जो 2018 में भी यूपीएससी में 93 रैंक के साथ सफल हुए थे. महज 22 साल की उम्र में वह आईआरएस अफसर बन गए. उस समय वह एक नंबर से आईएएस बनने से रह गए थे. उन्होंने दोबारा अपना भाग्य आजमाया और देशभर में 26वीं रैंक हासिल की. मध्य प्रदेश में उनकी रैंक पहली आई.

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की पढ़ाई की. प्रदीप ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. प्रदीप का कहना है कि उसकी पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता ने बहुत संघर्ष किया. लेकिन अब उनके संघर्षों को खत्म करने का वक्त आ गया है. 

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बेटे को पढ़ाने के लिए पिता ने बेच दिया मकान
प्रदीप का परिवार मूलरूप से बिहार का का रहने वाला है. लेकिन 1992 में उनके पिता इंदौर आकर बस गए और एक पेट्रोल पंप में नौकरी करने लगे. प्रदीप की पढ़ाई में रुकावट न आए इसके लिए उन्होंने अपना घर भी बेच दिया. जिसके बाद से पूरा परिवार किराए के मकान में रह रहा है.

बेटे की पढ़ाई के लिए मां ने गहने गिरवी रखे
घर बेचने के बाद भी जब पैसे खत्म हो गए तो मां ने प्रदीप की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने गहने बेचे और गिरवी रखे. तैयारी के लिए दिल्ली जाते वक्त प्रदीप ने मां को भरोसा दिलाया था कि उसका चयन यूपीएससी में जरूर होगा. बता दें कि प्रदीप ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई इंदौर के डीएवीवी कॉलेज से की है.

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कलेक्टर बनने का सपना हुआ पूरा
प्रदीप ने बताया कि बचपन से ही उसका सपना कलेक्टर बनने का था. कलेक्टर बनकर वे महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा और देश के लिए काम करना चाहते हैं. यूपीएससी में चयन को लेकर प्रदीप ने कहा कि वह प्रतिदिन 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई करते थे. पढ़ाई पर फोकस हो सके, इसके लिए उन्होंने रिश्तेदारों से भी दूरी बना ली थी. 

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