इस बार ज्यादातर छात्रों के अंक 90 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन निजी स्कूलों में सीट की कमी है. जिस कारण उनकी चिंता भी बढ़ गई.
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रायपुर/रजनी ठाकुरः छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग (Chhattisgarh Education Department) ने कुछ दिनों पहले ही 10वीं बोर्ड कक्षा के नतीजों की घोषणा की. ज्यादातर छात्रों के 90 फीसदी से ज्यादा अंक आए, इससे निजी स्कूल संस्थानों की दिक्कतें बढ़ गईं. कई छात्र साइंस स्ट्रीम लेकर 11वीं कक्षा में प्रवेश करना चाहते हैं, लेकिन निजी स्कूलों में सीटों की संख्या कम है. जिसे देखते हुए विभाग ने एंट्रेंस एग्जाम लेने का फैसला किया.
कोरोना के कारण अंक ज्यादा दिए गए
कोरोना वायरस महामारी के दौर में छत्तीसगढ़ सरकार ने 10वीं बोर्ड कक्षा की परीक्षाएं स्थगित कीं. जिसके कुछ दिनों बाद ही नतीजों की घोषणा भी कर दी गई. अर्द्धवार्षिक व आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट जारी किए गए. जिस कारण अधिकतर छात्रों के अंक 90 फीसदी से ज्यादा आए.
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इस कारण निजी स्कूलों की बढ़ी चिंता
10वीं के बाद ज्यादातर छात्र साइंस स्ट्रीम में एडमिशन लेना चाहते हैं. हर साल बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर फैसला किया जाता था कि कौनसी स्ट्रीम किसे मिले. इस बार ज्यादातर छात्रों के अंक 90 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन निजी स्कूलों में सीट की कमी है. जिस कारण प्राइवेट स्कूलों की चिंता बढ़ गई और छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बच्चों की एंट्रेंस एग्जाम लेने का फैसला किया.
इस आधार पर होगी परीक्षा
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बताया कि इस एंट्रेंस एग्जाम से बच्चों की मानसिक स्थित का आकलन किया जाएगा. इसमें पता लगाएंगे कि बच्चे किस आधार पर कौन से विषय का चुनाव कर सकते हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि उन्होंने बच्चों के पालकों से कहा कि वे खुद अपने बच्चों का मानसिक परीक्षण करें कि वे कौन से विषय को अच्छे से कर पाएंगे. उनका मानना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में बच्चों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
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