मवई नदी में अवैध रेत खनन सिर्फ चुनावी मुद्दा, ग्रामीणों ने तहसीलदार और टीआई को घेरा
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मवई नदी में अवैध रेत खनन सिर्फ चुनावी मुद्दा, ग्रामीणों ने तहसीलदार और टीआई को घेरा

छत्तीसगढ़ के भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट पर जीत-हार की राजनीति अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के विरोध पर निर्भर रही है. इस राजनीति में हर बार क्षेत्र के भोले-भाले ग्रामीण मोहरे बने हैं. इस आशा के साथ कि कांग्रेस नेता इस सीट पर जीतेगा तो रेत खनन बंद करवा देगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ.

ग्रामीणों के विरोध के बाद बंद हुई रेत खनन

कोरिया: छत्तीसगढ़ के भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट पर जीत-हार की राजनीति अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के विरोध पर निर्भर रही है. इस राजनीति में हर बार क्षेत्र के भोले-भाले ग्रामीण मोहरे बने हैं. इस आशा के साथ कि कांग्रेस नेता इस सीट पर जीतेगा तो रेत खनन बंद करवा देगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ. कोरिया जिले के मवाई नदी से रेत खनन जारी है. इससे गांव के कुएं व बोर, हैंडपंप का जलस्तर कम हो रहा है. हरचोका में मवई नदी में चल रहे रेत खनन का विरोध लगातार 5 दिनों से जारी है. ग्रामीण पर्यटक स्थल बचाओ का बैनर लेकर सीतामढ़ी के सामने सड़क पर 5 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

साल 2016 से भरतपुर ब्लॉक में अवैध रेत उत्खनन का कारोबार शुरू हुआ था. तभी ग्रामीणों ने नदी का अस्तित्व बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. उस वक्त जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे गुलाब कमरों ने भाजपा का विरोध किया था. भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव कमरों ने इसी को मुद्दा बनाकर लड़ा था. चुनाव से पहले जब भाजपा सरकार में संसदीय सचिव रही चंपा देवी पावले खामोश का विरोध करने वाले कांग्रेस के गुलाब कमरों भरतपुर सोनहत विधानसभा के विधायक व राज्य मंत्री के बाद अब चुप्पी साधे हुए हैं. उनकी विधायकी राज में भी रेत खनन पहले ज्यादा हो रहा है और जनता अब भी परेशान है. 

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तहसीलदार और टीआई को घेरा
अपनी समस्या का हल निकल पाने के बाद भरतपुर तहसील के हरचौका सीतामढ़ी में ग्राामीणों ने बैनर लेकर रेत खनन का विरोध किया है. लोगों ने नदी बचाने की भी मुहिम छेड़ी है. सड़क पर आंदोलन करते रहे ग्रामीणों को समझाने के लिए स्थानीय प्रशासन जब पहुंचा तो उन्हें भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों ने तहसीलदार और टीआई को घेर लिया. प्रशासन से रेत खनन बंद करवाने के अलावा कोई मांग नहीं रखी. ग्रामीणों का आरोप है कि मवई नदी से जेसीबी मशीन से अवैध रेत निकाली जा रही है. यह रेत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश भेजी जा रही है. तहसीलदार ने रेत खनन को बंद करवाया नदी से जेसीबी मशीन को हटवा दिया. आपको बता दें कि मवई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी को सरकार पर्यटन स्थल बना रही है. इसी नदी को पार भगवान राम छत्तीसगढ़ में प्रवेश किए थे. 

भाजपा ने भी विरोध में मिलाए सुर
ग्रामीणों ने भी यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ श्री राम वन गमन स्थल सीतामढ़ी के पास ही उत्खनन हो रहा है जिसमें हमारे दार्शनिक स्थल सीतामढ़ी को भी नुकसान होने की संभावना है. सरपंच पूनम सिंह मरावी के मुताबिक गांव के कुओं, नल व बोरवेल के जल स्तर में भारी गिरावट आई है, जो कि ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय है. रेत खनन बंद होना चाहिए. अवैध रेत खनन का विरोध देखते हुए भाजपा ने भी इसमें हाथ धो लिए हैं. भाजपा मंडल अध्यक्ष पवन शुक्ला ने लोगों का समर्थन करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

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ठेकेदार को जेसीबी लगाने के आदेश नहीं
इस मामले में जिला खनिज अधिकारी त्रिवेणी देवांगन बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर मवई नदी पर गए थे. अभी वहां पर कोई भी मशीन नहीं है. रेत उत्खनन अभी बंद है. जांच में लीज एरिया से हटकर रेत उत्खनन किया गया है. आगे जांच कर करवाई करेंगे. मवई नदी पर ठेकेदार अजितेश साहू का टेंडर है जिसे 5 हेक्टेयर रेत उत्खनन करने के लिए दिया गया है जो मैनुअल से करने का परमिशन है और नदी में जेसीबी से उत्खनन करने का कोई आदेश नहीं है.

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