भारतीय रेलवे ने ट्वीटर पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि 5825 पर भर्ती के लिए निकाला गया विज्ञापन फर्जी है. भारतीय रेलवे की तरफ से अवेस्ट्रान इन्फोटेक के माध्यम से कोई नियुक्ति नहीं की जा रही है.
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भोपाल: कोरोना काल में बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के लिए फर्जी गिरोह सक्रिय हो गया है. बेरोजगार युवाओं से फॉर्म के नाम पर पैसे वसूले जा सकें, इसके लिए गिरोह ने 5825 पदों पर भर्ती के लिए एक अखबार में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया. हालांकि भारतीय रेलवे को जैसे ही इसकी खबर लगी, वैसे ही भारतीय रेलवे ने स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया.
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भारतीय रेलवे ने ट्वीटर पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि 5825 पदों पर भर्ती के लिए निकाला गया विज्ञापन फर्जी है. भारतीय रेलवे की तरफ से अवेस्ट्रान इन्फोटेक के माध्यम से कोई नियुक्ति नहीं की जा रही है. कृपया ऐसे विज्ञापनों से सावधान रहे. डीआरएम भोपाल उदय बोरवणकर ने कहा कि फर्जी विज्ञापन करने वाली एजेंसी की जांच रेलवे की तरफ से की जा रही है. उन्होंने कहा कि विज्ञापन में जिन पदों पर भर्तियों की बात कही गई है वे पद पहले ही खत्म किए जा चुके हैं.
भारतीय रेल, अवेस्ट्रान इन्फोटेक के माध्यम से कोई नियुक्ति नहीं कर रही है कृपया फर्जी विज्ञापनों से सावधान रहें।
भारतीय रेल ने कथित नोटिस में बताई कोई भी नौकरियों को आउटसोर्स नहीं किया है। pic.twitter.com/3leGO0CBbB
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 9, 2020
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते दिनों एक एजेंसी की तरफ से 5825 पदों पर भर्तियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस नोटिफिकेशन के जरिए जूनियर असिस्टेंट के 600 पद, कंट्रोलर 35, बुकिंग क्लर्क 430, गेटमैन 1,200, कैंटीन सुपरवाइजर 350, पियून 1460, केबिन मैन 780 और वेल्डर के 430 पदों पर भर्ती की बात कही गई है.
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इन पदों पर भर्तियों के लिए एजेंसी ने सिर्फ पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार और झारखंड के अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं. इन पदों पर आवेदन के लिए 700 रुपए का शुल्क रखा गया है. साथ ही 11 साल तक कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्तियां देने की बात गई है.
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