खरगोन में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम करने वाले 253 संविदा स्वास्थ्य कर्मिचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने हटा दिया है, इससे निराश उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी है. पढ़िए पूरी खबर...
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खरगोन: कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे 253 संविदा हेल्थ वर्कर्स को खरगोन जिला स्वास्थ्य विभाग ने हटा दिया है. पिछले 7 माह से ये कर्मचारी कोरोना मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे थे. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के मुताबिक 30 नवंबर से उन्हें काम से हटा दिया गया है.
जिला स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से निराश महिला एंव पुरुष संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम सीएमएचओ और सीएमओ को ज्ञापन सौंपकर मदद की गुहार लगाई है. ज्ञापन में महिला संविदा कर्मियों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा है, ''आप हमारे मामा नहीं हम आपकी भांजियां नहीं.'' प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पहले सेना के जवानों की उपाधि दी और अब काम निकल जाने पर 'दूध से मक्खी' की तरह निकाल कर फेंक दिया.
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संविदा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में लिखा है कि उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया, उनकी देखरेख की. अब स्थिति सुधरने लगी है तो उन्हें काम से हटाया जा रहा है. यह कार्रवाई उचित नहीं. इन अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि अभी कोरोना संक्रमण समाप्त नहीं हुआ. नए संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग को उनकी जरूरत पड़ेगी.
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