कमलनाथ सरकार ने सियासी उठापटक के बीच 15 मार्च को कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों और पेंशनर्स को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) देने का फैसला किया था.
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हरीश दिवकर/भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के बीच शिवराज सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार का फैसला पलट दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज ने 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने के फैसले पर रोक लगा दी है. सरकार ने माली हालत खस्ता होने का हवाला देते हुए ये निर्णय लिया है. बता दें कि अबतक मध्य प्रदेश में कर्मचारियों और पेंशनर्स को 12 प्रतिशत डीए मिलता है, जिसे कमलनाथ सरकार ने 5 फीसद बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने का फैसला लिया था. लेकिन अब शिवराज सरकार ने इसे खारिज कर दिया है, वित्त विभाग ने इसे लेकर आदेश भी जारिए कर दिए हैं. जिससे 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स का फर्क पड़ेगा.
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सियासी संकट के बीच कमलनाथ सरकार ने लिया था फैसला
बता दें कि कमलनाथ सरकार ने सियासी उठापटक के बीच 15 मार्च को कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों और पेंशनर्स को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) देने का फैसला किया था. जिसका फायदा 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलना था. कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए 1 अप्रैल 2020 से दिया जाना था.
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फौरन रोक हटाएं शिवराज: कमलनाथ
एमपी में कर्मचारियों और पेंशनर्स के 5 फीसदी डीए का फैसला रद्द करने पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए उनके हित में ऐतिहासिक फैसला लिया था. लेकिन शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है. मैं मांग करता हूं कि वो फौरन इस रोक को हटाएं.