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भोपाल: मध्य प्रदेश में लंबे समय से जारी सरकार और निजी बस संचालकों के बीच का विवाद अब खत्म हो गया है. राज्य सरकार ने बस ऑपरेटरों की टैक्स माफी की मांग को मान लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आम जनता के हित में और बस ऑपरेटरों की समस्या को दूर करने के लिए ये फैसला लिया है. इसके बाद अब संचालकों को पिछले पांच महीने के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बसों पर देय मासिक वाहनकर को 1 अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2020 तक की अवधि तक पूर्णतः माफ किया जाएगा. उन्होंने बस ऑपरेटर्स को राहत देते हुए कहा कि सितंबर 2020 के देय मासिक वाहनकर में 50 प्रतिशत की छूट और वाहनकर जमा करने की तिथि को 30 सितम्बर 2020 तक बढ़ाया गया है.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि बस ऑपरेटर्स और प्रदेश की जनता के हित में लिए गए इस फैसले से अब पूर्ण क्षमता के साथ बसें चालू हो जाएंगी. इससे जहां लोगों को यात्रा करने में आसानी होगी. वहीं यात्री बसों से जुड़े रोजगार भी शुरू हो सकेंगे.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में लॉक डाउन खत्म होने के बाद जब अनलॉक शुरू हुआ तो सरकार ने बस संचालकों को 50% यात्रियों के साथ बस चलाने का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन संचालकों की मांग थी कि लॉकडाउन के दौरान जब बसें नहीं चली है तो सरकार उसका टैक्स माफ करें, मगर सरकार रियायत देने के मूड में नहीं थी. लिहाजा संचालकों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया और बसों को संचालित नहीं किया.लेकिन अब सरकार ने उनकी मांगें मान ली है.
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गौरतलब है कि प्रदेश की 35 हजार बसों पर पांच महीने के अंदर करीब 70 करोड़ रुपए टैक्स बन रहा है. यानी प्रति बस पर 20 हजार रुपये हैं. इस टैक्स को माफ करने के बाद अब शिवराज सरकार पर सीधे-सीधे 70 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ जाएगा.
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