सुप्रीम कोर्ट का आदेश, यूनिवर्सिटी चाहे तो ले सकती है फर्स्ट और सेकंड ईयर के एग्जाम
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, यूनिवर्सिटी चाहे तो ले सकती है फर्स्ट और सेकंड ईयर के एग्जाम

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यूजी और पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षा अनिवार्य की गई है, लेकिन यूजी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और पीजी प्रथम वर्ष की परीक्षाओं पर रोक नहीं लगाई गई है.

सांकेतिक तस्वीर

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों की स्नातक (UG) प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष की परीक्षा आयोजित कराने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि सभी विश्वविद्यालय चाहे तो प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यूजी और पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षा अनिवार्य की गई है, लेकिन यूजी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और पीजी प्रथम वर्ष की परीक्षाओं पर रोक नहीं लगाई गई है. 

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आपको बता दें कि इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) की तरफ से यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं आयोजित किए जाने के खिलाफ कुछ लोगों ने याचिका दायर की थी. इसी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है.

गौरतलब है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यूजी और पीजी फाइनल ईयर की परीक्षाएं नहीं आयोजित करने की याचिका खारीज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यूजीसी के नियमों के मुताबिक फाइनल वर्ष के छात्रों को परीक्षा कराए बिना डिग्री नहीं दिया जा सकता है. इसलिए परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.

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इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों को सितंबर के लास्ट तक परीक्षा आयोजित कराने को कहा था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन राज्यों को लगता है कि ये परीक्षाएं कोरोना संकट के चलते नहीं आयोजित की जा सकती हैं, वे यूजीसी को अलग से लेटर लिख कर समय मांग सकते हैं. 

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