फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने इसकी गाइडलाइन जारी करके स्थिति स्पष्ट कर दी है.
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नई दिल्ली: बर्ड फ्लू (Birdflu) के कारण Non vegeterian लोगों के सामने यह समस्या है कि वे चिकन और अंडा खाए या नहीं? दरअसल, पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के सैंपल निगेटिव आने के बाद दिल्ली सरकार ने मुर्गा मंडी खोलने का आदेश दिया था. लेकिन पड़ोसी राज्य हरियाणा में पोल्ट्री में Bird Flu के मामले बढ़ गए है और केंद्र सरकार की रिपोर्ट के माने तो, हरियाणा में 4 पोल्ट्री फॉर्म के सैंपल पॉजिटिव पाए गए है. इस कारण लोग अंडा-मुर्गी से बच रहे है.
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FSSAI ने जारी की गाइडलाइन
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने इसकी गाइडलाइन जारी करके स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस पर अथॉरिटी का कहना है कि 70 डिग्री सेल्सियस पर 3 सेकंड में ही बर्ड फ्लू का वायरस दम तोड़ देता है. अगर चिकन के सभी भागों और अंडों को 74 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अच्छी तरह पकाया जाए तो चिकन से भी वायरस मर जाएगा.
कच्चे मांस से बचे
कच्चे मांस के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए. कच्चे चिकन को हैंडल करने के दौरान मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल करे. बार-बार हाथ धोते रहें. अच्छे और पूरी तरह से पके चिकन और अंडों को ही खाएं.
इन बातों की रखे सावधानी
FSSAI ने कहा है कि मांस और अंडों को सही तरीके से पकाने पर मौजूद वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं. फ्लू के प्रभावित इलाकों के इन उत्पादों को कच्चा या अधपका नहीं खाना चाहिए. हालांकि अभी तक ऐसा मामला नहीं आया है जिससे यह पता चले कि सही तरीके से पकाए गए मांस और अंडों को खाने से बर्ड फ्लू फैलता है.
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WHO ने दी सलाह
मांस और अंडों के इस्तेमाल को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि पॉल्ट्री मीट और अंडे पूरी तरह सुरक्षित हैं. उनके मुताबिक महामारी विज्ञान से संबंधित अब तक कोई ऐसा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जिससे साबित हो कि अच्छे तरीके से पकाए गए मांस और अंडों के इस्तेमाल से मानव शरीर में यह वायरस फैलता है.
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