राजनीति के जानकारों की मानें तो अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से राहुल गांधी समय निकालकर छत्तीसगढ़ के सीएम और मंत्री से संभागों के विकास कार्यों पर चर्चा तो नहीं करेंगे. फैसला चाहे जो हो. एक सधे सधाए फिल्म के क्लाईमैक्स की तरह एक स्क्रिप्ट से इसका सुखद अंत होगा जिसमें भावावेश की गुंजाइश नहीं होगी.
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देवेश तिवारी/रायपुर: 17 जून 2021 एक तारीख थी जब भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल का ढाई साल पूरा हुआ. इस तारीख के बाद से ही छत्तीसगढ़ में एक सवाल खड़ा हुआ ढाई साल का फॉर्मूला लागू होगा या नहीं. अलग-अलग मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फामूर्ले को मानते-नकारते रहे हैं. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच पीएल पुनिया की मौजूदगी में दिल्ली में मुलाकात भी हुई थी. दोनों साथ-साथ लौटे तो लगा ऑल इज वेल हो गया है, लेकिन सियासत में सबकुछ इतना सामान्य नहीं जितना दिखाया जाता है. विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले में चलने वाली एक गाड़ी के साथ सड़क पर ओवरटेक का विवाद सिंहदेव से जुड़ गया. बृहस्पति सिंह के साथ 18 विधायकों ने खड़े होकर सिंहदेव पर आरोप लगाया. सिंहदेव बृहस्पति को मारना चाहते हैं. विधानसभा में सिंहदेव नाराज होकर निकले तो बृहस्पति सिंह को सदन में कहना पड़ा भावावेश में बोल गए खेद प्रकट करते हैं.
सत्र खत्म हुआ सिंहदेव त्रिपुरा में पार्टी कार्य निपटाकर दिल्ली रवाना हो गए. इसके बाद भोपाल गए. ध्वजारोहण करने अंबिकापुर लौटे. फिर दिल्ली लौट गए. आलाकमान से मुलाकात की अर्जी महिनों पहले लग चुकी थी. फिर 23 अगस्त को सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को राहुल गांधी ने एक साथ मिलने दिल्ली बुला लिया.
सिंहदेव से 35 मिनट, बघेल से 2 घंटे मिले राहुल
राहुल गांधी के साथ सभी नेताओं की लगभग 3.5 घंटे तक चर्चा हुई. यह चर्चा बैठक की शक्ल में न होकर वन टू वन मुलाकात रही. राहुल गांधी सबसे पहले टीएस सिंहदेव से मिले, मुलाकात लगभग 35 मिनट चली. फिर बारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की थी, यह मुलाकात लगभग 2 घंटे यानी 120 मिनट चली. राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया से भी मिले.
मीटिंग में विकास पर हुई चर्चा
इस मुलाकात के बाद जब नेता बाहर निकले तो सभी के बयानों में विरोधाभास था. मुख्यमंत्री ने केवल इतना कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात हुई. बाकि पीएल पुनिया बताएंगे. पीएल पुनिया ने कहा कि राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ के पांच संभागों के विकास कार्यों पर चर्चा हुई है. सिंहदेव ने बोला कि विकास कार्यों पर बातचीत हुई है.
तो क्या राहुल गांधी सच में विकास कार्यों की चर्चा के लिए बुलाया था
राजनीति के जानकारों की मानें तो अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से राहुल गांधी समय निकालकर छत्तीसगढ़ के सीएम और मंत्री से संभागों के विकास कार्यों पर चर्चा तो नहीं करेंगे. तब जबकि राजनीति के जिज्ञासु लोग यह जानना चाह रहे हों कि ढाई साल का कोई फार्मूला है या नहीं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का भूपेश नेतृत्व 5 साल शासन करेगा या नहीं. टीएस सिंहदेव का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? इन सवालों के जवाब दरअसल उस चर्चा में निहित हैं जो राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के नेताओं और प्रभारी ने की है.
कांग्रेस इतने जल्दी पत्ते नहीं खोलती
हालांकि इन सवालों के जवाब इतनी जल्दी नहीं मिलेंगे. कांग्रेस पार्टी कोई फैसला कर भी ले तो उसे किसी फार्मूले से तो नहीं जोड़ा जाएगा, क्योंकि लोकतंत्र में जनता के मतों का जनादेश किसी फार्मूले में नहीं बांधा जा सकता. फैसला चाहे जो हो. एक सधे सधाए फिल्म के क्लाईमैक्स की तरह एक स्क्रिप्ट से इसका सुखद अंत होगा जिसमें भावावेश की गुंजाइश नहीं होगी.
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