छत्तीसगढ़ में फिलहाल नहीं होगी शराबबंदी, दुकानें कम होंगी, समय भी कम होगा
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छत्तीसगढ़ में फिलहाल नहीं होगी शराबबंदी, दुकानें कम होंगी, समय भी कम होगा

छत्तीसगढ़ में फिलहाल पूर्ण शराबबंदी अभी नहीं होगी. राजनीतिक समिति अभी विभिन्न राज्यों का दौरा करेगी. इसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा. राज्य में पूर्ण शराबबंदी की अनुशंसा के लिए गठित राजनीतिक समिति ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

रायपुर: छत्तीसगढ़ में फिलहाल पूर्ण शराबबंदी अभी नहीं होगी. राजनीतिक समिति अभी विभिन्न राज्यों का दौरा करेगी. इसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा. राज्य में पूर्ण शराबबंदी की अनुशंसा के लिए गठित राजनीतिक समिति ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं. सामाजिक, आर्थिक और जन-स्वास्थ्य के लिए जन-चेतना अभियान चलाने की समिति ने सरकार से अनुशंसा की है. हालांकि इस पर विपक्ष ने सरकार को घेरा है. बीजेपी नेता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा है कि ये सरकार सिर्फ लोगों को भ्रम में रखना चाह रही है. जबकि विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता रमेश वर्लियानी का कहना है कि बीजेपी की जहां सरकार है वहां शराबबंदी कितनी हुई है ये भी बताना चाहिए. 

सरकार की बनाई राजनीतिक समिति विभिन्न राज्यों का दौरा करेगी. शराबबंदी के बाद उपजे हालात पर रिपोर्ट बनाएगी. कांग्रेस सरकार बनने के बाद पूर्ण शराबबंदी के लिए बनाई गई राजनीतिक समिति की दूसरी बैठक में यही फैसला हुआ है. कमोबेश करीब 2 साल पहले हुई बैठक में भी इसी तरह के फैसले लिए गए थे. राज्यों के भ्रमण के फैसले के साथ ही समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि जन-चेतना अभियान चलाया जाए. महिला कमांडो को सशक्त कर नुक्कड़ नाटकों के जरिए जनजागरण किया जाए. शराब दुकानों को कम किया जाए. 

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समिति ने बिहार, गुजरात, नागालैंड, मिजोरम और लक्ष्यदीप जैसे राज्य जहां पूर्ण शराबबंदी है. वहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के साथ-साथ कानून व्यवस्था, अवैध शराब के परिवहन और लोगों पर प्रभाव का अध्ययन करने जाने का फैसला लिया है. आन्ध्रप्रदेश, हरियाणा, मणिपुर और तमिलनाडु जैसे राज्य जहां पहले पूर्ण शराबबंदी की गई थी और फिर बहाल कर दिया गया था. समिति वहां भी जाकर अध्ययन कर सकती है. समिति ने निर्धारित शराब दुकानों के खुलने के लिए समय तय करने और अवैध शराब विक्रय करने पर कोचियों पर कड़ी कार्रवाई करने पर जोर दिया है.

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समिति के दौरे वाली बात पर बीजेपी भूपेश सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी नेता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा है कि ये सरकार सिर्फ लोगों को भ्रम में रखना चाह रही है. सरकार की मंशा शराबबंदी नहीं बल्कि शराब की बिक्री को बढ़ाना है. वहीं कांग्रेस नेता रमेश वर्लियानी का कहना है कि बीजेपी की जहां सरकार है वहां शराबबंदी कितनी हुई है ये भी बताना चाहिए. सरकार की बनाई समिति काम कर रही है उसपर सवाल उठना बीजेपी की सियासत है.

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