राष्ट्रपति ने जनजातीय समूह के विकास कार्यों (Tribal Group Development Work Inauguration in Madhya Pradesh) का उद्घाटन किया. राष्ट्रपति ने जनजातीय समूह के सर्वांगीण विकास के लिए बनाए गए आदिरंग पोर्टल (Adirang Portal) की शुरुआत भी की.
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दमोहः देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President of India Ram Nath Kovind) इस वक्त मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दौरे पर हैं. कल जबलपुर (Jablapur) में नर्मदा की महाआरती करने के बाद राष्ट्रपति रविवार को दमोह (President in Damoh) पहुंचे. यहां उन्होंने जनजातीय समूह के विकास कार्यों (Tribal Group Development Work Inauguration in Madhya Pradesh) का उद्घाटन किया. राष्ट्रपति ने जनजातीय समूह के सर्वांगीण विकास के लिए बनाए गए आदिरंग पोर्टल (Adirang Portal) की शुरुआत भी की.
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CM शिवराज ने दी जनजाती छात्रों को छात्रवृत्ति की सौगात
दमोह में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) राष्ट्रपति के साथ मौजूद रहें, उन्होंने भी जनजातीय छात्रों के लिए कई घोषणाएं करते हुए बताया कि जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. उच्च शिक्षा के लिए किराये पर रहने वाले छात्र-छात्राओं का खर्चा भी राज्य सरकार ही उठाएगी. वह छात्रों की शिक्षा में किसी भी समस्या को आड़े नहीं आने देंगे.
प्रतिभाशाली छात्रों को सरकार से मिलेगी कोचिंग व्यवस्था
सीएम ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में जन कल्याणकारी संबल योजना की फिर से शुरुआत की है, उन्हें उम्मीद है कि इससे गरीबों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होगा. वह बोले की जनजातीय समुदाय में रहने वाले प्रतिभावान छात्रों की कोचिंग की व्यवस्था भी एमपी सरकार ही करेगी. जिससे उनके माता-पिता पर अतिरिक्त भार नहीं पड़े. वह बोले कि केंद्र सरकार ने जनजातीय कलाकार भूरी बाई को सम्मानित किया. वहीं, राज्य सरकार ने जनजाती वर्ग के लोगों को वनाधिकार पट्टा दिलाने के काम की शुरुआत की है.
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सीएम ने की रानी दुर्गावती की प्रशंसा
दमोह में सिंगौरगढ़ किले पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि यह किला रानी दुर्गावती की वीरता को दर्शाता है. मुगल शासक अकबर के कई प्रयासों के बाद भी वीरांगना रानी दुर्गावती ने उसकी अधीनता नहीं स्वीकारी. उनके प्रतीक इस सिंगौरगढ़ किले का जीर्णोद्धार किया जाएगा. रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस को प्रदेश में तीन दिन तक देशभक्ति की प्रेरणा के रूप में मनाया जाएगा.
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