कंपनी ने 12 मजदूर बनाए बंधुआ, 13 घंटे काम के बाद भी नहीं मिलता था पैसा, NGO की मदद से बची जान
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कंपनी ने 12 मजदूर बनाए बंधुआ, 13 घंटे काम के बाद भी नहीं मिलता था पैसा, NGO की मदद से बची जान

कर्नाटक में बंधुआ बनाये गए 12 मजदूरों को एक स्टोन क्रेसर से रेस्क्यू कर बैतूल लाया गया है. एक एजेंट ने इन ग्रामीणों को कर्नाटक भेजा था. 

कंपनी ने 12 मजदूर बनाए बंधुआ, 13 घंटे काम के बाद भी नहीं मिलता था पैसा, NGO की मदद से बची जान

बैतूल: कर्नाटक में बंधुआ बनाये गए 12 मजदूरों को एक स्टोन क्रेसर से रेस्क्यू कर बैतूल लाया गया है. एक एजेंट ने इन ग्रामीणों को कर्नाटक भेजा था. जहां उनसे बिना मजदूरी दिए बंधुआ बनाकर काम लिया जा रहा था. मजदूरो ने एक एनजीओ के हेल्पलाइन नम्बर पर जब कॉल कर मदद मांगी, तब जाकर उन्हें इस कैद से छुटकारा मिला.

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20 दिन पहले रोजगार के नाम पर गए
बंधक से छूटे मजदूर भीमपुर तहसील के ग्राम डडारी के रहने वाले हैं. मजदूरों के मुताबिक स्थानीय एजेंट संसू करोचे ने करीब 20 दिन पहले उन्हें रोजगार दिलाने का झांसा देकर कर्नाटक के बैंगलोर भेज दिया था. यहां उन्हें मजदूरी की एडवांस रकम दिए जाने, और हर दिन मजदूरी और भोजन का वादा किया गया था. लेकिन 20 दिनों में उन्हें मजदूरी की कोई रकम नहीं दी गयी. सिर्फ उन्हें भोजन दिया जाता था और 12 से 13 घंटे एक स्टोन क्रेसर पर काम लिया जाता था.

एनजीओ में शिकायत दर्ज कराई
मजदूरों ने परेशान होकर जब वापस अपने गांव आने की इच्छा जाहिर की तो बंधक बनाने वाली कंपनी द्वारा उल्टे प्रति मजदूर 10 हजार रुपये मांगा जा रहा था. किसी तरह मजदूरों ने जन साहस संस्था के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद संस्था ने कलेक्टर एसपी से संपर्क किया. पुलिस अधिकारियों और जनसाहस संस्था ने मिलकर एक टीम गठित की. टीम ने बेंगलोर पहुंच कर ठेकेदारों के चंगुल से जिले के बंधक मजदूरों को छुड़ाया.

एसपी से की शिकायत
एनजीओ के एमआरसी वर्कर प्रोटेक्शन टीम के पास मजदूर हेल्पलाइन 18002000211 पर 18 सितंबर फोन आया था. इस दौरान मजदूर ने फोन पर बेंगलोर में जबरदस्ती मजदूरी करवाए जाने की जानकारी दी थी. टीम ने मजदूरों से बात कर लोकेशन पता की और मजदूरों के परिवार वालों से सहमित लेकर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर मामले से अवगत करवाया.

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साइबर सेल ने भी की मदद
मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एसपी ने 22 सितंबर को कर्नाटक राज्य के संबंधित थाने कोरा में संपर्क कर फंसे मजदूरों की जानकारी दी. एसपी के निर्देश पर चिचोली पुलिस ने उच्च स्तरीय जांच की. जांच के बाद चिचोली पुलिस ने साईबर सेल के अधिकारी से मिलकर मजदूरों की लोकेशन ट्रेस की. लोकेशन में तुमकुर जिला कोरा का पता चला. इसके बाद कोरा पुलिस स्टेशन से एक टीम गठित कर उमा स्टोन जाकर 12 मजदूरों का रेस्क्यू किया गया. मजदूरों के बयान दर्ज कर उन्हें कर्नाटक से बैतूल ट्रेन के माध्यम से भेजा गया.

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