श्रीनगर का कृष्णा ढाबा काफी मशहूर है. ना सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि घाटी आने वाले सैलानी भी कृष्णा ढाबे के खाने के मुरीद रहे हैं.
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नई दिल्लीः बीते फरवरी माह में हुए आतंकी हमले और उसमें अपने बेटे को खोने के बाद कृष्णा ढाबा के मालिक रमेश कुमार ने फिर से अपना ढाबा खोल दिया है. रमेश कुमार ने आतंक के आगे घुटने टेकने से इंकार कर दिया है और ये बता दिया है कि उन्होंने आतंकी हमले में अपने बेटे को भले ही खो दिया हो लेकिन उनकी हिम्मत अभी भी बरकरार है.
17 फरवरी को हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि श्रीनगर का कृष्णा ढाबा काफी मशहूर है. ना सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि घाटी आने वाले सैलानी भी कृष्णा ढाबे के खाने के मुरीद रहे हैं. लेकिन बीती 17 फरवरी को इस ढाबे पर तीन हथियारबंद आतंकियों ने हमला कर दिया और ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर ढाबे के मालिक रमेश कुमार के बेटे आकाश को भून दिया. इस हमले में आकाश गंभीर रूप से घायल हुए और जिंदगी और मौत से लड़ते हुए आखिरकार 28 फरवरी को आकाश ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस मुद्दे पर काफी हंगामा भी हुआ था.
दो माह से बंद था कृष्णा ढाबा
आतंकी हमले के बाद से ही कृष्णा ढाबा बंद चल रहा था. वहीं रमेश कुमार का परिवार भी श्रीनगर से जम्मू शिफ्ट हो गया. इसके बाद माना जाने लगा कि अब शायद ही यह कृष्णा ढाबा खुलेगा. लेकिन ढाबे के मालिक रमेश कुमार ने गजब की हिम्मत दिखाते हुए बैसाखी और नवरेह (कश्मीरी पंडितों का नया साल) के मौके पर मंगलवार को यह ढाबा फिर से खोल दिया. सुखद बात ये रही कि ढाबे के खुलते ही वहां आम दिनों की तरह स्थानीय लोग और सैलानी फिर से खाना खाने के लिए टूट पड़े.
ढाबा खोलने पर ये बोले रमेश कुमार
हमले के बावजूद ढाबा फिर से खोलने पर रमेश कुमार का कहना है कि 'मेरा बेटा यहीं पर कुर्बान हुआ है. इसे बंद रखने का मतलब उसकी आत्मा को दुखी करना होगा. हम कश्मीर में पैदा हुए हैं, यह हमारी मिट्टी है, हमारा घर है, कोई हमें यहां से नहीं निकाल सकता. मैं यहां खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करता हूं.'
बता दें कि कृष्णा ढाबे पर हमला करने वाले तीनों आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. तीनों आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सदस्य बताए जा रहे हैं.