गर्मी शुरू होने से पहले ही इस जिले में गहराया जल संकट, बोरिंग करने पर होगी इतने साल की सजा
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गर्मी शुरू होने से पहले ही इस जिले में गहराया जल संकट, बोरिंग करने पर होगी इतने साल की सजा

अभी गर्मी की शुरूआत ही हो रही है कि मध्य प्रदेश में जलसंकट शुरू हो गया है. गिरते भू जल स्तर के चलते प्रदेश के एक जिले को "जल अभाव ग्रस्त" घोषित कर दिया है. 

ग्वालियर जिला "जल अभाव ग्रस्त" घोषित

ग्वालियरः गिरते भू-जल स्तर के चलते मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले को  "जल अभाव ग्रस्त" जिला घोषित कर दिया गया है. यह आदेश ग्वालियर जिले के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की तरफ से जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि गिरते भू-जल स्तर को ध्यान में रखते हुए और जिले में  पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है. ग्वालियर जिले को  "जल अभाव ग्रस्त" घोषित करते हुए कलेक्टर ने जिले में सभी नलकूप बोरिंग और खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

नियमों का उल्लंघन करने पर होगी सजा 
ग्वालियर कलेक्टर की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि अगर कोई जिले में बिना शासन की अनुमति के नलकूप खनन या बोरिंग करता है, तो यह काम "जल अभाव ग्रस्त" जिले के लिए जारी किए गए नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. जिसके तहत दो हजार रूपए तक का जुर्माना और 2 साल तक सजा का प्रावधान किया गया है. 

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कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश में स्पष्ट किया है कि संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के बगैर नलकूप बोरिंग मशीन ग्वालियर जिले की सीमा के भीतर न तो प्रवेश करेगी और न ही नलकूप खनन होगा. हालांकि जिले से होकर गुजर रहीं सार्वजनिक सड़कों से बाहर जाने वाली मशीनों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा. राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर जिले में अवैध रूप से बोरिंग करते हुए कोई मशीन मिले तो उसे तत्काल जब्त कर एफआईआर दर्ज कराई जाए. 

इन योजनाओं पर लागू नहीं होगा यह प्रतिबंध 
हालांकि शासकीय योजनाओं के तहत किए जाने वाले नलकूप खनन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए बनाए जाने वाले नलकूपों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा. कलेक्टर ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि नए खनित नलकूप एवं पुराने नलकूप सहित अन्य निजी जल स्त्रोतों का सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था के लिए अधिग्रहण किया जा सकेगा. इसके अलावा संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत अपरिहार्य प्रकरणों एवं अन्य जरूरी कामों के लिये जांच के उपरांत नलकूप खनन की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन जिले में किसी भी तरह के निजी नलकूपों का खनन नहीं किया जाएगा. 

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