Ind vs Eng में अंपायरों पर उठे सवाल; हर बार निखरे इंदौर के नितिन मेनन, जानें उनके बारे में
मेनन परिवार से अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने वाले नितिन दूसरे हैं. उनके पिता नरेंद्र मेनन भी अंतरराष्ट्रीय वन-डे मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं. वहीं उनके छोटे भाई निखिल मेनन बीसीसीआई पैनल के लिए घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग करते हैं.
इंदौर/अहमदाबादः India Versus England: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium, Ahmedabad) में इस वक्त इंडिया और इंग्लैंड (India and England T-20 Series) के बीच टी-20 सीरीज खेली जा रही है. गुरुवार को खेले गए चौथे टी-20 मैच को भारत ने जीतकर पांच मैचों की सीरीज में 2-2 की बराबरी कर ली है. कोरोना के कारण घरेलू अंपायरों के सहयोग से दोनों टीमों के बीच पूरी सीरीज खेली जा रही है.
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सीरीज में नितिन मेनन लगातार मैदान पर अंपायरिंग करते नजर आ रहे हैं. जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा जारी अंपायरों की एलिट पैनल का हिस्सा भी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं वह मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के ही रहने वाले हैं. अगर नहीं, तो इस खबर में जानिए इंदौर के होलकर क्रिकेट ग्राउंड से लेकर अहमदाबाद में इंटरनेशल मैच में अंपायरिंग करने तक की उनकी पूरी कहानी.
लंबे सफर के बाद बनाई ICC की एलिट लिस्ट में जगह
नितिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) शहर में ही क्रिकेट खेलते हुए बड़े हुए. यहीं से उन्होंने साल 2004 में मध्य प्रदेश के लिए घरेलू रणजी क्रिकेट के मैच खेले. फिर साल 2011-12 में पहली बार घरेलू मैचों में अंपायरिंग करने के बाद साल 2017 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने का मौका मिला. अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए अंपायरों का चयन करने वाले ICC ने साल 2020 में अंपायरों की एलिट पैनल लिस्ट जारी की, जिसमें नितिन मेनन का नाम भी शामिल रहा. ICC एलिट पैनल में जगह बनाने वाले नितिन भारत के तीसरे अंपायर हैं, उनसे पहले एस वेंकटराघवन और एस रवि ही एलिट पैनल का हिस्सा रहे हैं.
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मेनन परिवार के दूसरे अंतरराष्ट्रीय अंपायर हैं नितिन
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग करने वाले नितिन अपने परिवार के दूसरे अंपायर हैं. उनसे पहले उनके पिता नरेंद्र मेनन ने भी मध्य प्रदेश के लिए रणजी खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग की हैं. वन-डे इंटरनेशनल में अंपायरिंग करने वाले नरेंद्र ने अपने बेटे को भी क्रिकेट सिखाया. नितिन ने मध्य प्रदेश के लिए दो रणजी मैच खेले हैं. बता दें कि नितिन के भाई भी बीसीसीआई के लिए घरेलू मैचों में अंपायरिंग करते हैं.
साल 2006 में दी अंपायरिंग की परीक्षा
नितिन ने बताया कि MP के लिए रणजी खेलते हुए उन्हें पता लग गया था कि वह खुद को इस स्तर पर काबिज नहीं रख पाएंगे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट के लिए जरूरी प्रतिभा को खुद में न देख उन्होंने घर पर बात की और अंपायरिंग में करियर बनाने का सोचा. सोच-समझकर लिए गए इस रिस्क के बाद साल 2006 में उन्होंने BCCI द्वारा आयोजित अंपायरिंग की परीक्षा में हिस्सा लिया. पास होने के बाद बीसीसीआई की ट्रेनिंग की और घरेलू मैचों में अंपायरिंग करना शुरू किया.
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IPL डेब्यू रहा आलोचना से भरा हुआ
साल 2015-16 तक भारत के घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में अंपायरिंग कर चुके नितिन मेनन को साल 2017 में IPL अंपायरिंग का मौका मिला. लेकिन उन्होंने पहले ही सीजन में तीन गलतियां कर दीं, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई. दरअसल, सनराइजर्स हैदराबाद के मैच के दौरान बल्लेबाज ने ओवर की आखिरी गेंद पर चौका मारा और अगले ही ओवर की पहली गेंद भी खेल ली. इसे एक स्पोर्ट्स वेबसाइट ने लिखा था, "मेनन (नितिन मेनन) झपकी लेने में व्यस्त थे, बल्लेबाज अपना काम कर गया."
खराब IPL के बाद अंतरराष्ट्रीय मैचों में मिला मौका
साल 2017 में आईपीएल तो उतना सुखद नहीं बिता, लेकिन उसी साल उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला. जिसे उन्होंने भुनाया और 2 साल बाद ही 2019 में टेस्ट क्रिकेट में भी अंपायरिंग करने का अवसर पाया. यहां, लखनऊ के मैदान पर वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के बीच खेले गए टेस्ट में उन्होंने मैदान पर अंपायरिंग की थी.
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इंदौर में रह चुके हैं थर्ड अंपायर
2 नवंबर 2020 को 37 साल पूरे करने वाले नितिन मेनन ने अब तक 6 टेस्ट, 24 वनडे और 17 टी20 मैचों में मैदानी अंपायरिंग की. उन्होंने कई मैचों में टीवी अंपायर (थर्ड अंपायर) की भूमिका भी निभाई, जिनमें इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच साल 2017 में इंदौर के ही मैदान पर खेला गया टेस्ट मैच भी शामिल है. पुरुष मैचों में अंपायरिंग करने के अलावा, उन्होंने महिलाओं के 10 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में योगदान दिया है, जिनमें साल 2018 और 2020 के महिला टी-20 विश्व कप शामिल हैं.
टी-20 सीरीज में अंपायर के फैसलों पर उठे सवाल
इंडिया और इंग्लैंड के बीच गुरुवार को टी-20 सीरीज का चौथा मुकाबला खेला गया. मुकाबले में सूर्यकुमार यादव और वॉशिंगटन सुंदर के आउट होने पर थर्ड अंपायर की जमकर आलोचना हो रही है. दोनों ही खिलाड़ियों को कैमरे का सही एंगल नहीं होने के कारण अंपायर द्वारा दिए सॉफ्ट सिग्नल (मैदानी अंपायर का फैसला) की वजह से आउट करार दिया गया.
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वहीं इंडिया-इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में कई बार नितिन मेनन के फैसलों को खिलाड़ियों ने रिव्यू (DRS) लेकर चैलेंज किया. लेकिन हर बार नितिन मेनन सही साबित हुए. इन्हीं फैसलों की वजह से क्रिकेट जगत में उनकी प्रशंसा भी हो रही है. ICC द्वारा बनाई जाने वाली अंपायरों की एलिट पैनल लिस्ट में भी इन्हीं छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाता है. इसीलिए नितिन मेनन को पिछले साल लिस्ट में शामिल किया गया.
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