जानिए कैसे बनते हैं UMPIRE, अगर ये क्वालिफिकेशन है तो आप भी कर सकते हैं अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग
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जानिए कैसे बनते हैं UMPIRE, अगर ये क्वालिफिकेशन है तो आप भी कर सकते हैं अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग

मध्य प्रदेश में इस बार की स्टेट लेवल अंपायर की परीक्षा 6 दिसंबर 2020 को हो चुकी है. जिसके परिणाम घोषित होने के बाद 99 में से 8 उम्मीदवारों का चयन किया गया है. ये 8 उम्मीदवार अब मध्य प्रदेश के राज्य स्तरीय मैचों में अंपायरिंग करेंगे.

जानिए कैसे बनते हैं UMPIRE, अगर ये क्वालिफिकेशन है तो आप भी कर सकते हैं अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग

भोपालः भारत जैसे क्रिकेट प्रेमी देश में बचपन से क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों का सपना होता है कि वे एक दिन टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेलें. लेकिन 135 करोड़ आबादी के इस देश में मैदान पर सिर्फ 11 खिलाड़ी ही उतर सकते हैं. ऐसे में अक्सर यह सवाल मन में आता है कि क्रिकेट से जुड़ा और क्या किया जा सकता है. ऐसी ही क्रिकेट से जुड़ी जॉब्स में अंपायरिंग का नाम सबसे ऊपर आता है. लेकिन बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि अंपायर बनते कैसे हैं. तो हम आपको बता रहे हैं कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायर बनने के लिए आपको क्या करना होगा.

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अनुभव है जरूरी
प्रोफेशनल अंपायर बनने के लिए सबसे जरूरी है आपको क्रिकेट के 42 नियमों के बारे में जानकारी हो. इसके अलावा आपने स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय या क्लब लेवल पर जिले या संभाग स्तर का क्रिकेट खेला हो. अंपायरिंग करने के लिए फील्ड का अनुभव सबसे जरूरी है, इसलिए आपको नियमों के साथ ही स्थानीय क्लब या जूनियर क्रिकेट में अंपायरिंग का अनुभव भी होना चाहिए.

राज्य स्तरीय क्रिकेट बोर्ड करवाता है परीक्षा
क्रिकेट अंपायरों (Cricket Umpire) के लिए राज्य क्रिकेट असोसिएशन द्वारा समय-समय पर पोस्ट खाली होने के बाद लिखित और प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करवाई जाती है. इन परीक्षाओं की जानकारी आपको राज्य स्तरीय क्रिकेट बोर्ड की वेबसाइट पर मिल जाएगी. अगर आप मध्य प्रदेश में अंपायर बनना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक कर जानकारी पा सकते हैं. https://www.mpcaonline.com/search

राज्य स्तरीय परीक्षा पास करने के बाद क्या होगा
स्टेट लेवल क्रिकेट बोर्ड द्वारा आयोजित लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में संभाग क्रिकेट असोसिएशन द्वारा नामांकित खिलाड़ियों को ही जगह मिलती है. इसे पास करने के बाद आपको BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए योग्य माना जाता है. यहां आपको खुद से तैयारी का दबाव नहीं रहेगा, क्योंकि राष्ट्रीय लेवल पर अंपायर बनाने के लिए बीसीसीआई खुद ट्रेनिंग और कोचिंग क्लास लगवाकर तैयारी करवाता है. तैयारी के बाद आप बीसीसीआई द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग ले सकते हैं.

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परीक्षा पास करने के बाद क्या IPL में अंपायरिंग कर सकते हैं
नहीं. बीसीसीआई की परीक्षा पास करने के बाद आपको घरेलु मैचों में अंपायरिंग का मौका दिया जाता है. वहां अगर आपका रिकॉर्ड सही रहता है और आपने 5 साल रणजी ट्रॉफी के मैचों में अंपायरिंग करने का अनुभव हासिल कर लिया है तो आपको बीसीसीआई की अगले स्तर की परीक्षा में बैठने की अनुमित मिलेगी. इसे पास करने के बाद IPL और अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर सकते हैं.

योग्यता (Eligibility of Umpires)
अंपायर बनना यूपीएससी जितना मुश्किल तो नहीं है, लेकिन इसमें योग्यता से ज्यादा जरूरी है पोस्ट का खाली होना. अंपायरिंग की परीक्षा बहुत कम बार आयोजित की जाती है, फिर जैसे ही घरेलु क्रिकेट में अंपायर की पोस्ट खाली होती है, वैसे ही बीसीसीआई द्वारा परीक्षा भी करवाई जाती है. अंपायर बनने के लिए ग्रेजुएशन अनिवार्य है, साथ ही आपको खेल की अच्छी खासी समझ होना भी जरूरी है. अंपायर बनने के लिए आपको अपने गुस्से पर भी काबू पाना अनिवार्य है, क्योंकि इस प्रोफेशन में गुस्से की जरा सी भी जगह नहीं है. इसके अलावा आपको क्रिकेट के 42 नियमों की जानकारी होना भी जरूरी है.

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संभाग क्रिकेट असोसिएशन से नामांकित होना है जरूरी
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अंपायर बनने के लिए डायरेक्ट एंट्री नहीं है. संभाग क्रिकेट असोसिएशन द्वारा नामांकित किए गए अभ्यर्थियों को ही स्टेट लेवल परीक्षा में जगह मिलती है. नामांकित किए गए अभ्यर्थियों के लिए जरूरी है कि वह अंपायर बनने के लिए एलिजिबल हो. मध्य प्रदेश स्टेट लेवल अंपायर के लिए होने वाले कोर्स के लिए सभी 10 संभागों से 10-10 खिलाड़ियों के नाम दिए गए थे. साल 2020 में हुई परीक्षा में 104 अभ्यर्थियों में से 99 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. जिनमें से 8 का चयन स्टेट लेवल अंपायर के लिए हुआ है. 

एक दिन की फीस 3500 रुपये
स्टेट पैनल अंपायर्स को 3500 प्रतिदिन की फीस मिलती है. ऐसे में चार दिवसीय मैच की फीस 14 हजार रुपये दी जाती है. वहीं क्रिकेट ऑर्गनाइजर द्वारा अंपायर को अलग से अलाउंस भी दिए जाते हैं. इसके अलावा लेवल बढ़ने के साथ ही फीस भी बढ़ती जाती है. 

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