वीआईपी नंबरों को नीलाम कर के इंदौर आरटीओ ने अपने राजस्व में बढ़ोतरी कर ली है.
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अंशुल मुकाती/इंदौर: वीआईपी नंबरों को नीलाम कर के इंदौर आरटीओ ने अपने राजस्व में बढ़ोतरी कर ली है. कोरोना काल के बावजूद लोगों में वीआईपी नंबरों को लेकर क्रेज कम नहीं हुआ है, यही कारण है कि इंदौर आरटीओ में नीलाम किए गए नंबरों में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. दिलचस्प बात यह है कि वीआईपी नंबरों में 0001 नंबर 5 लाख 21 हजार में तो वहीं 0009 नंबर 1 लाख 82 हज़ार में आरटीओ की ऑनलाइन बोली में नीलाम हुआ. बता दें कि नए नंबरों के स्लॉट आने पर आरटीओ के द्वारा यह बिक्री की गई थी, 0001 नंबर इंदौर के ही एक व्यक्ति ने फॉर्च्यूनर कार के लिए लिया है.
बता दें कि राज्य भर में सबसे ज्यादा नंबर इंदौर में ही बिकते हैं, इंदौर आरटीओ में फरवरी माह में 41 हजार से ज्यादा वीआइपी नंबर खाली पड़े हुए थे. जिसे बेचा जाना था.
सरकार को राजस्व प्राप्त हुआ
कुछ महीनों पहले आरटीओ ने वीआईपी नंबरों को बोली लगाकर बेचना शुरू किया है. इससे सरकार को तो राजस्व प्राप्त हो ही रहा है साथ ही वीआईपी नंबरों में लोगों की दिलचस्पी भी दिख रही हैं. आरटीओ के अधिकारियों को उम्मीद थी कि कोरोना का हाल के बाद वीआईपी नंबरों में लोगों की दिलचस्पी कम होगी लेकिन अलग-अलग नंबरों को लेकर लगाई गई बोली ने यह साबित कर दिया कि अभी भी कई लोग वीआईपी नंबरों में दिलचस्पी रख रहे हैं.
पहले 74 हजार में बिका था
मध्यप्रदेश के इंदौर में फरवरी माह में 60 से अधिक वीआईपी नंबर की नीलामी हुई थी. जिसमें कार नंबर MP09WH 0021 को हासिल करने के लिए 4 लोगों ने बोली लगाई. इस नंबर के बेस प्राइस 15000 थी, जो आखिर में सबसे ज्यादा 74000 पर जाकर खत्म हुई थी. वहीं दिन का सबसे बड़ा और वीआईपी नंबर 0001 के लिए दो उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया. इसकी बेस प्राइस 1 लाख तय थी.
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कैसे हासिल होगा नंबर
दरअसल बोली में आवेदक वाहनों की बेस प्राइज की राशि भर कर ही इस बोली प्रक्रिया में शामिल हुए हैं. इससे अधिक राशि की बोली लगाने पर उन्हें बेस प्राइज और खरीदी की कीमत का अंतर अगले एक हफ्ते में आरटीओ में जमा करवाना होगा. जिसके बाद परिवहन विभाग एक पत्र उन्हें देगा. इसी आधार पर एक महीने में वाहन रजिस्टर्ड होगा.
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