MP के इस जिले में चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
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MP के इस जिले में चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

इंदौर शहर मध्य प्रदेश के उन शहरों में से एक है जहां हर साल पतंगबाजी का उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों और चीनी मांझे से होने वाले नुकसान को देखते हुए प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े.

इंदौर में चीनी मांझे पर बैन लगाया गया है

इंदौरः 2 दिन बाद गुरुवार से देश के कुछ राज्यों में पतंगबाजी का उत्सव 'मकर-संक्रान्ति' मनाया जाएगा. हर साल उत्सव को लेकर मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों में उत्साह बना रहता है. लेकिन इस बार इंदौर जिला प्रशासन ने भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद और चीनी मांझे की वजह से हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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उल्लंघन पर धारा 144 के तहत होगी कार्रवाई
इंदौर में हर साल पतंग और मांझों का व्यापक बाजार रहता है. लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए ज्यादा मात्रा में ग्राहक बाजार आकर पतंग खरीदते नहीं दिख रहे हैं. और अब इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए बताया है कि चीन के मांझों पर इस बार पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने बताया कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है, चाइनीज मांझा तेज धार वाला आता है, इससे पक्षियों के भी कटने की घटनाएं सामने आती हैं. इसलिए उल्लंघन करते पाए जाने पर धारा 188 के तहत एक्शन लिया जाएगा.

2 महीने तक जारी रहेगा आदेश
जानकारी मिली है कि चाइनीज मांझे पर 12 जनवरी से लेकर 12 मार्च तक प्रतिबंध रहेगा. प्रतिबंध के पहले से ही इंदौर के मार्केट में कई तरह की पतंगें दिखाई देने लगी हैं. व्यापारियों ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण मार्केट में ग्राहक नहीं आ रहे हैं. वहीं पिछले साल ज्यादा पतंगें बनी थीं. लेकिन इस साल कारीगरों को कच्चा माल नहीं मिल सका. दुकानों में वैसे तो चीनी डोर नहीं मिल रही है, लेकिन लोग फिर भी किसी तरह जुगाड़ कर चीनी मांझे का उपयोग कर रहे हैं.

चीना मांझा बैन होने के बाद अब लोगों के पास बरेली के मांझे का विकल्प बचता है. लेकिन चीनी डोर के मुकाबले इसकी धार कम होने के कारण लोग इसे कम खरीदते हैं और तेज धार वाले मांझे को ज्यादा.  

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