MP Vidhansabha Chunav 2023: चुनावी साल में एंटी इनकंबेंसी (Anti Incumbency) का काट ढूंढ रही बीजेपी ने घोषणापत्र के लिए आम जनता के पास जाने का फैसला लिया है. इसके लिए वो ‘सुझाव पेटी’ (Sujhav Peti) लेकर अलग-अलग क्षेत्रों के दौरे का प्लान बनाया है. हालांकि, बीजेपी (BJP) का ये प्लान कांग्रेस (Congress) और कमलनाथ (Kamal Nath) के निशाने पर आ गया है.
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MP Assembly Election 2023: आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कमर कस ली है. बीजेपी के आला नेताओं के दौरे लगातार प्रदेश में हो रहे हैं. अब चुनावी घोषणा पत्र (Manifesto) और एंटी इनकंबेंसी (Anti Incumbency) खत्म करने के लिए पार्टी ने जनता के बीच जाने का फैसला किया है. इसका नाम उन्होंने सुझाव पेटी (Sujhav Peti) दिया है. इसमें हर विधानसभा से लोगों की राय ली जाएगी. भाजपा का ये प्लान कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने ‘सुझाव पेटी’ की जगह ‘सुलझाव पेटी’ ले जाने की सलाह दी है.
कमलनाथ ने किया ट्वीट
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- सुना है भाजपा अपने घोषणापत्र के लिए विधानसभाओं में ‘सुझाव पेटी’ लेकर जा रही है. जनता सुझाव देने की जगह भाजपा से ये ‘सवाल’ पूछेगी कि सौदेबाजी कर आपने जनता की चुनी सरकार को क्यों गिराया? मतलब हमारे ‘चुनाव-सुझाव’ के रूप में चुनी हुई सरकार को क्यों गिराया और ये भी कि कितने में गिराया, और ख़र्चा किया हुआ पैसा फिर कहां-कहां से कमाया?
MP Election 2023: BJP के चुनाव घोषणा पत्र पर कमलनाथ का वार, कहा- जनता पुछेगी सवाल
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कमलनाथ ने बताया जनता क्या बोलेगी?
- देश को और न बांटें
- नफरत और डर फैलाने का एजेंडा बंद करें
- महिलाओं का अब और अपमान न करें
- नौकरी-परीक्षा के घोटालों से जन्मी बेरोजगारी से युवाओं को बचाएं
- गरीबों, किसानों, मज़दूरों का शोषण रोकें
- काम-कारोबार व विकास को भ्रष्ट नीतियों से न मारें
- आदिवासियों-दलितों का उत्पीड़न-शोषण न करें
- मुनाफाख़ोरों से कमीशन खाकर महंगाई न बढ़ाएं
- मध्य प्रदेश को भाजपाई भ्रष्टाचार का मॉडल न बनाएं
कमलनाथ ने साधा निशाना
कमलनाथ ने कहा कि आज जब जनता का भाजपा पर ही विश्वास नहीं रहा है तो उसके घोषणापत्र पर क्या होगा. भाजपा को ‘सुझाव पेटी’ की जगह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सुलझाव पेटी’ लानी चाहिए. लेकिन, भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि लोगों को फालतू के मुद्दों में उलझाये रखने-गुमराह करने में ही वो अपनी राजनीतिक सफलता मानती है. भाजपा याद रखे, न काठ की हांडी बार-बार चढ़ती है, न ‘भेड़िया आया-भेड़िया आया’ की कहानी हर बार चलती है. भाजपा का घोषणापत्र हर बार जुमलों का झुनझुना साबित होता है.
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