एमपी के रायसेन जिले में एक ऐसी लंका है. जहां अब तक कोरोना समेत कोई भी संक्रमण नहीं पहुंच सका है.
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रायसेन: रावण की लंका के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जहां सोने का महल था. लेकिन हम आपको एक ऐसी लंका के बारे में बताने वाले है जिसकी तुलना लंकेश की लंका से की जाती है. जी हां, एमपी के रायसेन जिले में एक ऐसी लंका है. जहां अब तक कोरोना समेत कोई भी संक्रमण नहीं पहुंच सका है. जिसकी पुष्टि डॉ दिनेश खत्री मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायसेन ने की है.
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कोरोना जैसी महामारी भी नहीं आ पाई
रायसेन जिले के गौहरगंज तहसील क्षेत्र अंतर्गत लंका गांव में विगत 50 वर्षों से लोगों को किसी भी प्रकार की बीमारी ने छुआ तक नहीं है. कोरोना संक्रमण ने भी इस गांव से दूरी बनाई है.पेड़ों की हरियाली और नदी के पानी से घिरे होने के कारण इस गांव का नाम भी लंका रखा गया है. इस लंका ने रावण रूपी कोरोना संक्रमण को अपने से दूर ही रखा है. ग्रामीणों की मानें तो हरियाली शुद्ध वातावरण की वजह से ही उन तक बीमारियों का कोई असर नहीं होता.
चारों तरफ हरियाली ही हरियाली
इस गांव में तकरीबन 500 से ज्यादा पेड़ों की हरियाली होने के कारण ग्रामीणों को वातावरण शुद्ध होने के चलते किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है. वहीं बारिश में गांव चारों तरफ से नदी से घिर जाता है तथा उस गांव तक पहुंचने के लिए चारों तरफ से ही लोगों को नदी से गुजर कर जाना पड़ता है. गांव का वातावरण शुद्ध बनाने के लिए चारों तरफ पेड़ों की हरियाली लगाई हुई है. जिसकी वजह से शुद्ध वातावरण में होने के कारण उन्हें बीमारियों से कोई खतरा नहीं होता. चारों ओर से नदी ने इस टापू नुमा जगह को घेरा है. इस लिए इस का नाम लंका रखा गया है. बारिश में यहां के ग्रामीण लकड़ी के पुल से गुजर कर गांव जाते है.
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हम कभी बीमार नहीं पड़ते
गांव की बुजुर्ग महिला लक्ष्मी का कहना हैं कि हरियाली से ही खुशहाली आती है, यहां हम सब खुश है. कभी कोई बीमारी नहीं होती. भीषण गर्मी में भी यहां गर्मी का अहसास भी नहीं होता.
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