9 मई को ही अनस के मोबाइल पर मैसेज आया की उसका कोविड टेस्ट रिजल्ट negative है. डेढ़ घंटे बाद अनस को दोबारा मैसेज मिला कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है.
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बैतूल/इरशाद हिंदुस्तानी: कोरोना को लेकर कई तथ्यों पर अक्सर भ्रम फैलता रहा है. इसकी टेस्ट रिपोर्ट को लेकर भी कई बार विवाद सामने आए है. ऐसा ही ताजा मामला भैसदेही का है. जहां एक किशोर के एक कोविड सैम्पल की दो रिपोर्ट आई है. जिसके बाद किशोर के घर को सील कर दिया गया है. मजे की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस किशोर को पॉजिटिव ही मान रहा है. हालांकि उसे किसी भी तरह की समस्या नहीं है.
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दरअसल 16 वर्षीय अनस पिता अशरफ अपने दोस्त चिन्मय के साथ उसका टेस्ट कराने भैसदेही स्थित कोविड सेंटर गया था. 9 मई को जब चिन्मय ने टेस्ट करवाया तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गयी. बस शौक-शौक में अनस ने भी अपना टेस्ट करवा डाला. उस समय उसे भी बताया गया कि वह निगेटिव है. 9 मई को ही अनस के मोबाइल पर मैसेज आया की उसका कोविड टेस्ट रिजल्ट negative है.
अचानक पॉजिटिव की रिपोर्ट
डेढ़ घंटे बाद अनस को दोबारा मैसेज मिला कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है. मामला तब और संगीन हो गया जब शाम को नगरपालिका के कर्मियों ने आकर पूरे परिवार को सील कर दिया. अब परिवार पशोपेश में है कि भले चंगे अनस को पॉजिटिव माने या निगेटिव.
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स्वास्थ्य विभाग के दो बयान
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के भी दो पक्ष सामने आए है. जिसे लेकर जिले के नोडल प्रभारी डॉ. सौरभ राठौर और भैसदेही बीएमओ डॉ अरुण अटल से बात की तो उन्होंने ऑपरेटर की गलती से ऐसा होना कुबूल किया है. हालांकि बीएमओ ने कहा हैं कि वे उक्त किशोर का कल दोबारा टेस्ट करवा लेंगे. गौरतलब है कि अनस का भैसदेही के फीवर क्लिनिक में एंटीजन किट से टेस्ट किया गया था.
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