Bhopal News: मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आज लगेगी नेशनल लोक अदालत, इन मामलों का होगा निपटारा
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Bhopal News: मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आज लगेगी नेशनल लोक अदालत, इन मामलों का होगा निपटारा

MP News: मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आज यानि 9 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएगी. साल के इस आख़िरी राष्ट्रीय लोक अदालत में करीब 20 हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा होगा. 

 

Bhopal News: मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आज लगेगी नेशनल लोक अदालत, इन मामलों का होगा निपटारा

MP National Lok Adalat: मध्यप्रदेश के सभी जिलों में आज यानि 9 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएगी. साल के इस आख़िरी राष्ट्रीय लोक अदालत में करीब 20 हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा होगा. जिला और राज्य उपभोक्ता आयोग सारे केस निपटेंगे.  नेशनल लोक अदालत में पुराने मामलों का निराकरण किया जाएगा. बता दें कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में नेशनल लोक अदालत लगाई जाएगी.

इन केसों का होगा समाधान
नेशनल लोक अदालत में बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत, टेलीफोन,जलकर,संपत्ति कर के प्रकरण, न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरण, अपराधिक शवनीय प्रकरण , क्लेम प्रकरण, जलकर,संपत्ति कर के प्रकरण, हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत राजीनामा योग्य प्रकरण,भूमि अधिग्रहण और अन्य सिविल केसों का निराकरण किया जाएगा. कई लोग जो लंबे समय से कोर्ट का चक्कर लगा रहे थे उनके लिए काम की खबर है. इससे जो पुराने लंबित मामले है वो जल्दी निपट जाएगें.  लोक अदालतों में उस तरह के मामले जाते हैं जिससे सामान्य कोर्ट का काम आसान हो और काम का बोझ कम हो.

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नेशनल लोक अदालत में कई मामलों में छूट दी जाएगी. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव आसिफ अहमद अब्बासी ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बिजली कंपनी भी नियमानुसार उपभोक्ताओं को राहत देगी. बिजली कंपनी 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दे रही है.बता दें कि इस अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत में 20 हजार से ज्यादा प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है. 

जानिए लोक अदालत के बारे में 
लोक अदालत का अर्थ पीपुल्स कोर्ट जो गांधीवादी सिंद्धांत पर आधारित है. यह वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) प्रणाली के घटको में से एक है जिससे लोगों को सस्ता, अनौपचारिक और जल्द न्याय दिलाने के लिए तंत्र प्रदान करता है. पहला लोक अदालत 1982 में गुजरात में आयोजित हुआ था. बाद में इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसे कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत वैधानिक दर्जा दिया गया था. इस अधिनियम में लोक अदालत के संगठन और कामकाज से संबंधित नियम है.  

 रिपोर्ट-अजय दुबे

 

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