नियमों का पालन हो सके, इस संबंध में एनसीटीई के उप सचिव टी प्रीतम सिंह ने सभी राज्य के मुख्य सचिवों को भी आदेश जारी कर दिया है. यह फैसला उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी एसोसिएशन की मांग पर लिया गया है.
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नई दिल्ली. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCET) ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान (NIOS) से 18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (D.El.Ed.) कोर्स को देशभर में मान्य करार दिया है. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCET) इस फैसले के बाद डीएलएड की डिग्री प्राप्त किए हुए अभ्यर्थी किसी भी राज्य में शिक्षक बन सकेंगे.
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नियमों का पालन हो सके, इस संबंध में एनसीटीई के उप सचिव टी प्रीतम सिंह ने सभी राज्य के मुख्य सचिवों को भी आदेश जारी कर दिया है. यह फैसला उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी एसोसिएशन की मांग पर लिया गया है. उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी एसोसिएशन ने एनसीईटी से मांग की थी कि बिहार की तर्ज पर उत्तराखंड में डीएलएड को मान्यता दी जाए और नई नियुक्तियां में उन्हें भी मौका दिया जाए.
आपको बता दें कि अभी तक डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (D.El.Ed.) कोर्स को सिर्फ बिहार राज्य में ही मान्यता मिली थी. जिसकी वजह से डीएलएड का कोर्स कर चुके अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के लिए बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य में आवेदन नहीं कर सकते थे.
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क्या है डीएलएड?
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड/बीटीसी की तरह डीएलएड का कोर्स
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान की तरफ से कराया जाता है. इसमें 18 महीने तक शिक्षक की ट्रेनिंग दी जाती है. हालांकि इस कोर्स को करने के बाद अभ्यर्थियों को राज्य स्तरीय टीईटी की परीक्षा पास करनी होती है. वहीं, केंद्रीय विद्यालय में टीचर बनने के लिए सीटेट की परीक्षा पास करनी होती है.
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