ऑनलाइन गेम की लत के कारण एक तरफ बच्चों का व्यवहार भी बदल रहा है, तो दूसरी तरफ ऑनलाइन गेम की दीवानगी मासूम बच्चों को अपराध की तरफ धकेल रही है. ऐसा ही एक मामले भिंड जिले सामने आया है.
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प्रदीप शर्मा/भिंडः ऑनलाइन गेमिंग का सबसे बुरा असर बच्चों पर पढ़ रहा है. ऑनलाइन गेमिंग का शौक पूरा करने के लिए बच्चे कोई भी कदम उठाने को तैयार हो जाते हैं. भिंड जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसे हर उस बच्चे के मां-बाप को जानना चाहिए जिनका बच्चा घंटों ऑनलाइन गेम खेलता हो. क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग के चलते बच्चे अपराधिक कदम भी उठाने लगे हैं.
ऑनलाइन गेम के चलते मांगी फिरोती
दुनिया में ऑनलाइन गेमिंग का ट्रेंड बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है कुछ सालों पहले "ब्लू व्हेल" नाम के एक चैलेंज गेम ने न जाने कितने लोगों की जान ले ली थी, इसके बाद आए पोकेमोन गेम की वजह से कई बच्चे हादसे का शिकार गुए. ऑनलाइन गेमिंग की वजह से हजारों लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार भी हो रहे हैं. फ्री फायर गेम की लत भी बच्चों में तेजी से बढ़ रही है. भिंड जिले में एक 12वीं क्लास के छात्र ने फ्री फायर गेम की आईडी खरीदने के लिए एक परिवार से फिरोती की मांग कर डाली.
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
दरअसल, पूरा मामला भिंड जिले के दबोह से जुड़ा हुा है. रविवार के दिन दबोह के वार्ड नंबर-11 में रहने वाले रामेश्वर दयाल शर्मा के घर के बाहर अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर में लपेट कर एक फर्चा फेंक गया. जिसमें एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. साथ ही उस पर्चे में एक संदेश लिखा था जिसमें कहा गया कि जल्द से जल्द इस नंबर पर कॉल करें नहीं तो आप परिवार के किसी सदस्य को खो देंगे. इस तरह की धमकी मिलने के बाद पीड़ित परिवार के लोगों ने कई बार उस नंबर पर कॉल करने की कोशिश की लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं आया.
हत्या की दी धमकी
रामेश्वर दयाल शर्मा के परिजनों ने बताया कि रविवार को करीब रात 9 बजे उनके मोबाइल पर उसी नंबर से धमकी भरे मैसेज आने शुरु हो गए. मैसेज में भी फिरोती की मांग की गई. मामला तब और बढ़ गया जब सोमवार को एक अज्ञात शख्स ने फोन करके के रामेश्वर दयाल शर्मा के परिजनों को धमकी देते हुए कहा कि अगर 12 बजे तक 8 लाख रुपया उनके बताएं खाते में नहीं डालें गए तो 12 बजे तक परिवार के किसी एक शख्स की हत्या कर दी जाएगी. सीधे तौर पर इस तरह की धमकी मिलने के बाद परिवार दहशत में आ गया. जिसके बाद रामेश्वर दयाल ने पुलिस थाने पहुंचकर पूरा मामला बताया.
12वीं क्लास के छात्र ने दी धमकी
पुलिस ने उस नंबर की जांच शुरू की जिससे धमकी भरा कॉल आया था. जांच में पता चला कि यह नंबर अमाहा गांव के किसी सुरेंद्र कुशवाह नाम के व्यक्ति पर दर्ज है. पुलिस ने मामले का पता चलते ही टीम गठित कर युवक को गिरफ्तार करने के लिए गांव में भेजी. लेकिन पुलिस भी उस वक्त भौंचक्की रह गई जब पता चला कि आरोपी बारहवीं क्लास का एक नाबालिक छात्र है. जिसके बाद पुलिस उसे अपने साथ थाने ले आई.
पूछताछ में छात्र ने बताया कि वह अपने एक दोस्त के साथ मिलकर फ्री फायर गेम की आईडी खरीदना चाहता था, जिसके चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया था. हालांकि फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज तो किया, लेकिन छात्र के नाबालिग होने के चलते उसे छोड़ दिया गया.
वहीं छात्र की जमानत होने से रामेश्वर दयाल शर्मा का परिवार अभी भी दहशत में हैं. उनका कहना है कि ऐसे आरोपी जिसने हमें जान से मारने की धमकी दी है, उसे बिना जांच के इस तरह छोड़ दिया जाने ठीक नहीं है. उनका कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते वह किसी को भी परेशान कर सकता है. हालांकि मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया के तहत जो धाराएं पीड़ित की शिकायत पर छात्र पर लगायी गई थी, उनकी वजह से उन्हें जमानत पर छात्र को छोड़ना पड़ा है, साथ ही उनका कहना है कि यह महज नाबालिक बच्चों द्वारा एक गेम खरीदने के लिए की गई हरकत है, ऐसे में फरियादी पक्ष को डरने की जरूरत नहीं है. इस मामले पर नजर रखी जाएगी.
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