कोविड से हुई मौत, इलाज कराने लाया बड़ा भाई भी पॉजिटिव, प्रबंधन बोला- 'पहले शव ले जाओ, फिर इलाज होगा'
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कोविड से हुई मौत, इलाज कराने लाया बड़ा भाई भी पॉजिटिव, प्रबंधन बोला- 'पहले शव ले जाओ, फिर इलाज होगा'

नरसिंहपुर जिले से एक Video सामने आया है, जहां कोविड मृतक की लाश के बीच ही बाकी मरीजों का इलाज हो रहा था.  

हॉस्पिटल में मरीज की लाश दो घंटे तक बाकी मरीजों के साथ रखी रही

शैलेंद शर्मा/ नरसिंहपुरः कोरोना महामारी एक बार फिर हाहाकार मचाए हुए है. मध्य प्रदेश समेत देश भर से अलग-अलग तरह की तस्वीरें और खबरें सामने आ रही हैं. कोई लोगों को बचाने में लगा है, कहीं ऑक्सीजन की कमी तो कहीं व्यवस्था की परेशानी. नरसिंहपुर जिले से भी एक Video सामने आया है, जहां कोविड मृतक की लाश के बीच ही बाकी मरीजों का इलाज हो रहा था.  

यहां जानें पूरा मामला
पूरा मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से सामने आया जहां प्रबंधन की कुव्यवस्था देखने को मिली. जिले के करेली तहसील स्थित कपरगांव निवासी 30 वर्षीय युवक को उसके बड़े भाई रतनेश दुबे द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया. एक सप्ताह तक गांव के अस्पताल में चले इलाज के बाद युवक को करेली अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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हॉस्पिटल में ही पड़ी रही लाश
करेली के निजी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन लेवल 44 पर आ गया, जिसके बाद रविवार के दिन मरीज को नरसिंहपुर जिला अस्पताल ले जाया गया. यहां इलाज के दौरान करीब 12 बजे मरीज की मौत हो गई. इस दौरान मृतक का भाई भी बीमार हो गया. मृतक की लाश को हॉस्पिटल प्रबंधन ने मॉर्चुरी में रखने की बजाय बाकी मरीजों के साथ परिसर में ही छोड़ दिया.

बीमार भाई से कहा, पहले मृतक को ले जाओ
कोविड गाइडलाइन के अनुसार मृतक की बॉडी ले जाने के बजाय मृतक के भाई पर लाश को घर ले जाने के लिए दबाव बनाया गया. पीड़ित ने कहा कि वह खुद बीमार है, उसका ऑक्सीजन लेवल 85 है. घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं. ऐसे में वह अपने भाई को नहीं ले जा पाएगा, लेकिन प्रबंधन की ओर से कहा गया कि पहले मृतक को ले जाओ, फिर ही इलाज होगा.

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अपर कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भेजा शव
इस दौरान लाश हॉस्पिटल में रखी रही, वहां बाकी मरीजों के साथ ही उसे रखा था. मामला अपर कलेक्टर तक पहुंचा, तब जाकर मरीज का इलाज शुरू हुआ. प्रबंधन द्वारा कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए मृतक को मुक्तिधाम भी ले जाया गया. मृतक के भाई का इलाज अब भी जारी है, पीड़ित का कहना है कि उसके इलाज में लापरवाही की जा रही है.

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