MP के 19 हजार से ज्यादा पटवारी हड़ताल पर, बाढ़ पीड़ितों की बढ़ीं मुश्किलें! जानिए कैसे?
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MP के 19 हजार से ज्यादा पटवारी हड़ताल पर, बाढ़ पीड़ितों की बढ़ीं मुश्किलें! जानिए कैसे?

पटवारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक पटवारी काम पर नहीं लौटेंगे. 

सांकेतिक तस्वीर.

भोपालः मध्य प्रदेश के पटवारी अपनी मांगों के लेकर पिछले चार दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. पटवारियों ने अपनी मांगे पूरी करने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. खास बात यह है कि पटवारियों ने प्रदेश के राजस्व मंत्री से भी मुलाकात की थी. लेकिन इस मुलाकात में भी बात नहीं बनी. हालांकि पिछले दिनों सरकार ने पटवारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन डेटलाइन तय नहीं की गई थी, ऐसे में पटवारी डेटलाइन पर अड़े हुए है. 

हड़ताल का आज चौथा दिन 
पटवारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक पटवारी काम पर नहीं लौटेंगे. बता दें कि आज पटवारियों की हड़ताल का चौथा दिन है. एमपी के 19 हजार से अधिक पटवारी कलमबंद हड़ताल की वजह से राजस्व संबंधी काम रुक गए हैं. पटवारी की हड़ताल से जमीन के नक्शे, आय जाति वाले सर्टिफिकेट, खसरा की रिपोर्ट, अन्न उत्सव के साथ-साथ शासन और राजस्व विभाग के संबंधित कई काम अटक गए हैं. 

पटवारी कर रहे वेतन बढ़ाने की मांग
दरअसल, मध्य प्रदेश पटवारी संघ वेतन बढ़ाए जाने की मांग कर रहा है. पटवारी संघ ने पटवारियों का वेतन ग्रेड पे 2100 से बढ़ाकर 2800 करने की मांग की है. हालांकि सरकार 2800 की जगह वेतन का ग्रेड पे बढ़ाकर 2400 करने के लिए राजी हो गया है. 

बाढ़ से नुकसान का सर्वे भी रुका 
लेकिन मप्र पटवारी संघ ग्रेड पे बढ़ाने पर अटका है. सरकार भी पटवारियों को आर्थिक लाभ देने पर राजी हो गई है, लेकिन डेटलाइन तय नहीं की गई. इसलिए पटवारी हड़ताल वापस नहीं ले रहे हैं. वही पटवारियों की हड़ताल से ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी 8 जिलों में आई बाढ़ से संबंधित सर्वे का काम भी रुका हुआ है. जिससे लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

पटवारियों की मांगे 

  • गृह जिले में पदस्थापना हो, वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है. 
  • पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए. 
  • नवीन पटवारियों की CPCT की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए.

बता दें कि पटवारी उनकी मांगों को लेकर लंबे समय से सरकार के खिलाफ लामबंद होने की तैयारी में थे. 2 अगस्त को पहले पटवारियों ने एक दिन की सामूहिक हड़ताल की थी, उसके बाद 5 अगस्त को वेब पोर्टल संबंधित कामों का बंद कर दिया था. जबकि 10 अगस्त से पटवारी संघ हड़ताल पर चला गया. बता दें कि पिछले दिनों पटवारी संघ ने प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से भी मुलाकात की थी. लेकिन इस मुलाकात में उनकी मांगों को लेकर बात नहीं बन सकी. 

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